भोपाल। मध्यप्रदेश के प्रशासनिक चतुरसुजानों के हाथों कठपुतली बन कई हिस्सों में बंट चुके मध्यप्रदेश के संविदा शिक्षक एवं अध्यापक वर्ग के नेताओं पर अब जमीनी स्तर का प्रेशर बढ़ता जा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि सीएम की तारीफों के पुल बांधने वाले मनोहर प्रसाद दुबे भी इन दिनों आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं।
भोपालसमाचार.कॉम को मिली गोपनीय जानकारी में बताया गया है कि मुरलीधर पाटीदार के नेतृत्व में शुरू हुए आंदोलन को तोड़ने के लिए एक प्रशासनिक कूटनीति के तहत सभी नेताओं को अलग अलग किया गया और तवज्जो भी दी गई, परंतु टारगेट कुछ और ही था जो अब धीरे धीरे सभी नेताओं के सामने स्पष्ट होता जा रहा है।
अफसरों के हाथों कठपुतली बने नेताओं को भी अब डर सताने लगा है, उनकी हालत 'ना खुदा ही मिला, ना विसाल-ए-सनम' जैसी हो गई है। इधर नेताओं के हर इशारे पर नौकरियां दाव पर लगा देने वाले संविदा शिक्षकों एवं अध्यापकों का प्रेशर नेताओं पर बढ़ता जा रहा है।
हालात यह बन गए हैं कि अफसरों के दरवाजों पर एढ़ियां रगड़ते रगड़ते थक चुके नेता या तो घर बैठ गए हैं या फिर एक बार फिर आंदोलन का मन बना रहे हैं। खबर मिली है कि इस बार मनोहर दुबे की ओर से आंदोलन की पहल की जा रही है। देखते हैं इस बार जीत किसकी होती है, आंदोलन या अफसरों की कूटनीति।