मध्यप्रदेश में बीजेपी का विकल्प बनना चाहते हैं शरद यादव

भोपाल। बिहार में सत्ता की कमान संभालने वाले राजनीतिक दल जनता दल-युनाइटेड (यु) ने मध्यप्रदेश में मजबूत जमीन की तलाश तेज कर दी है। मध्यप्रदेश से नाता रखने वाले जद (यु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव इस अभियान के अगुआ बने हैं।

पिछले कुछ अरसे में इस राज्य में उनकी सक्रियता बढ़ी है, और वे आगामी विधानसभा चुनाव के जरिए अपनी पार्टी की उपस्थिति दर्ज कराने की कवायद में जुट गए हैं।

राज्य में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और यहां दो प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच मुकाबला होना तय है। इसके बावजूद कई अन्य राजनीतिक दलों के साथ जदयू भी चुनाव में जोर आजमाइश करना चाहती है।

जद (यु) अध्यक्ष शरद यादव भी वर्ष 1977 में राज्य के जबलपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीते थे। वे पिछले चार दशकों से राज्य की राजनीति से दूर हैं, मगर राज्य की राजनीतिक फिजा से वाकिफ हैं और उन्हें इस बात का भान है कि समाजवादियों का राज्य के बड़े हिस्से में दखल है। इसी के चलते उन्होंने राज्य में अपने दल की मजबूती के लिए अभियान छेड़ दिया है।

यादव ने अब व्यवस्था परिवर्तन के नाम से राजस्थान और मध्यप्रदेश में अभियान शुरू किया है। उन्होंने राज्य के रतलाम के सैलाना में जनसभा की और अपने आगामी इरादे भी जाहिर कर दिए कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से जोर आजमाइश करने में पीछे नहीं रहेगी।

बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में जद (यु) का एक भी विधायक नहीं है, समाजवादी पार्टी (सपा) का सिर्फ एक विधायक है, जबकि इनसे बेहतर स्थिति में बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) है, जिसके सात विधायक हैं। यह बात अलग है कि अतीत में समाजवादी विचारधारा के विधायकों का विधानसभा में बोलबाला रहा है।

जद (यु) के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद यादव ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए कहा कि उनका दल राज्य में विधानसभा चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगा और शरद यादव का व्यवस्था परिवर्तन अभियान उसी का हिस्सा है। वे आगे कहते हैं कि समाजवादियों का भरोसा पूरी तरह वोट की राजनीति पर रहा है, यही कारण है कि जनजातीय वर्ग बहुल वाले जिस भी इलाके में समाजवादी विचारधारा का जोर रहा है, वहां नक्सली जैसी समस्या नहीं पनप पाई है। ऐसा इसलिए क्योंकि समाजवादी विचारधारा के लोगों का भरोसा बुलेट पर नहीं बैलेट पर होता है।

जद (यु) प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि राज्य में समाजवादी विचारधारा की जड़ें गहरी हैं और इससे जुड़े लोग कांग्रेस व भाजपा से परेशान हो चुके हैं। वे चाहते हैं कि व्यवस्था में बदलाव आए और उनकी इसी सोच को शरद यादव आगे बढ़ाना चाह रहे हैं।

राज्य की राजनीति से दूर हो चुके शरद यादव की सक्रियता बढ़ी है और वे बीते दिनों में जबलपुर, कटनी सहित अन्य स्थानों का दौरा कर चुके हैं। अब देखना होगा कि यादव की सक्रियता चुनाव में क्या गुल खिलाती है।

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