भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने राज्यपाल से सुगनी देवी जमीन घोटाले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा है कि सुगनीदेवी और पेंशन घोटाले के मुख्य आरोपी कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति देने के लिए वे सरकार को निर्देशित करें।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार चुनावी वर्ष में अपने घोटालेबाज मंत्रियों को बचाने में लगी है। उन्होने कहा कि शिवराज सिंह चौहान इन घोटालेबाज मंत्रियों के दबाव में है, और वे इन्हें बचाकर छोटी मछलियों को फसाने का काम कर रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी इच्छा शाक्ति दिखलाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र को अनशन की धमकी देकर विशेष न्यायालय अधिनियम तो मंजूर करवा लिया लेकिन वह भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कितनी ईमानदारी है यह दो मंत्रियों को भ्रष्टाचार के मामले में बचाने से स्पष्ट हो गया है।
श्री सिंह ने कहा कि लोकायुक्त द्वारा इंदौर में बहुचर्चित सुगनी देवी भूमि घोटाले के मुख्य आरोपी उद्योग-वाणिज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को छोड़कर छोटी मछलियों के खिलाफ जो चालान प्रस्तुत किया वह बतलाता है कि सरकार घोटालेबाज मंत्रियों को बचाने के लिए पूरी बेशर्मी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी तरह पेंशन घोटाले की रिपोर्ट जैन आयोग की रिपोर्ट को आए हुए एक साल होने जा रहा है उसे भी सरकार दबाकर बैठी है इसमें भी कैलाश विजयवर्गीय मुख्य आरोपी है। इसके पूर्व दवा घोटाले में आरोपी मंत्री अजय विश्नोई को सरकार ने क्लीन चिट देकर स्वास्थ विभाग के एक संचालक को बलि का बकरा बना दिया।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने राज्यपाल से कहा कि भाजपा सरकार अब पूरी बेशर्मी के साथ भ्रष्टाचारियों घोटालोंबाज और अपराधियों को बचाने और उनको सरंक्षण देने में लगी है। उन्होनें मांग की राज्यपाल से प्रदेश के व्यापक हित में सुगनी देवी घोटाले के मामले में हस्तक्षेप कर जितने भी भाजपा मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज है उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति देने के लिए सरकार को निर्देशित करें।
कैलाश विजयवर्गीय को नैतिक अधिकार नहीं
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि दिमागी दिवालियेपन के शिकार कैलाश विजयवर्गीय कांग्रेस अध्यक्ष को नसीहत देने की हिमाकत कर रहे है और व्यक्तिगत रूप से लिखे गए एक राजनीतिक पत्र को वे सरकारी बेनर पर सरकारी संसाधनों से जारी कर रहे है और उसे छपवा रहे है। श्री सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में सरकारी तंत्र का राजनीतिकरण करने वाले भाजपा सरकार के मंत्री को किसी पर आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि बड़ा बनने के लिए छोटे बोल बोलकर शिवराज सरकार के ‘फ्रस्टेडेड मंत्री‘ नैतिकता की बात करते है तो हास्यास्पद लगते है। उन्होंने कहा कि अटलबिहारी वाजपेयी की फोटो सरकारी कार्यालय में लगाने का सरकारी आदेश देने वाले निर्णय के समय कैलाश विजयवर्गीय की दलीय सीमा कहां गई थी। भाजपा के स्थापना दिवस को सरकारी खर्चे पर आयोजित करते समय दलीय सीमा कहां गई थी, और तो और सरकार द्वारा हाल ही में एक-एक पेज के जारी विज्ञापनों में आडवाणी, गडकरी, राजनाथ सिंह, नरेन्द्र सिंह तोमर का जो फोटो छापे गए है उस समय शिवराज सरकार की दलीय सीमा कहां गई थी।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि बौद्धिक, अर्जीर्णता के शिकार घोटालों में फंसे कैलाश विजयवर्गीय वास्तव में भाजपा में अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। ठौर की तलाश में अनर्गल बयान दे रहे है। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री श्री चैहान से पूछा कि क्या यह उनकी सरकार की सोच है अगर नहीं तो फिर एक राजनीतिक पत्र को सरकारी प्रेस विज्ञप्ति क्यों बनाया गया।