इंदौर। मेडीकल कॉलेज खोलने के लिए डीएबी यूनिवर्सिटी को दी गई 50 एकड़ जमीन में से आधी जमीन सरकार ने वापस ले ली है। यह इसलिए भी किया गया क्योंकि डीएबी खाली जमीन पर कॉलेज नहीं बना पाई। अब यह जमीन इन्वेस्टर्स को दी जाएगी जो यहां रोजगार सृजित करने वाले हैं।
करीब दस साल पहले विवि को मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रशासन ने एयरपोर्ट के पास छोटा बांगड़दा में नजूल की 50 एकड़ जमीन आवंटित की थी। इस पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को मेडिकल कॉलेज बनाना था। विवि ने इसके लिए कई बार प्रयास किए लेकिन कभी राज्यपाल तो कभी मुख्यमंत्री तो कभी मेडिकल काउंसिंल ऑफ इंडिया से तालमेल नहीं बैठ पाने के कारण जमीन का उपयोग नहीं हो पाया।
दो बार इन्वेस्टर समिट होने के बाद नगरीय क्षेत्र में उद्यमियों व निवेशकों के लिए काफी जमीन की आवश्यकता लगी, निवेशकों ने पैसा लगाने की एवज मे कीमती जमीन लेने के लिए शहर की चतुर्सीमा देखने के लिए कई बार चक्कर लगाए, कुछ निवेशकों को हवाई अड्डे के पास स्थित विवि को दी गई जमीन अच्छे लगी, निवेशकों की इसी गिद्ध दृष्टि से प्रशासन ने एक तीर दो निशान लगाने में कोई चूक नहीं की।
एक तो निवेशकों के लिए गंभीरता से प्रयास कर मुख्यमंत्री के सामने झांकी जमाई गई, दूसरा समय पर कॉलेज न खोलने पर विवि को भी सबक सिखाया गया। वर्ष 2012 के अक्टूबर की इन्वेस्टर समिट में छोटा बांगड़दा की इस जमीन पर निवेशकों इतने ललचाए थे कि मीट के समय ही दौरा भी कर लिया था। इन्वेस्टर मीट के तीन माह बाद कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने एक टीम बनाई व टीम ने अभिमत दिया कि आधी जमीन तो तत्काल वापस ले ही ला जाए।