भोपाल। टैक्स इतने हैं कि कॉलोनाइजर का काम करना मुश्किल हो रहा है। एक तरफ राज्य सरकार मध्यम आय वर्ग के लिए अफोर्डेबल हाउस बनाने की बात करती है और दूसरी तरफ टैक्स बढ़ाती जा रही है। यही हाल रहा तो ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में हुए करोड़ों के करार कागजों में ही धरे रह जाएंगे।
क्रेडाई सदस्यों ने सोमवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर ये बात कही। क्रेडाई सदस्यों ने ये भी कहा कि रियल स्टेट सेक्टर के लिए नियम प्रक्रिया सरल करने की जरूरत है। क्रेडाई के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता मनोज सिंह मीक ने बताया कि टैक्स बढऩे का असर उपभोक्ताओं पर होगा।
डायवर्सन के लिए वर्तमान प्रीमियम को 40 से 50 गुना बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। ऐसे में आने वाले समय में प्रोजेक्ट लाना बेहद मुश्किल काम होगा। ईडब्ल्यूएस और एलआईजी की 15 फीसदी सीमा को बढ़ाकर 20 फीसदी किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव का भी क्रेडाई सदस्यों ने विरोध किया।
कलेक्टर गाइडलाइन में कृषि भूमि के निर्धारित मूल्य का डेढ़ गुना स्टांप ड्यूटी वसूलने के उपबंध पर भी क्रेडाई सदस्यों ने आपत्ति पेश की। मीक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे अगले दस दिन में फिर मिलेंगे।