मनोज मराठे/भोपाल:मध्यप्रदेश में अब अध्यापक संगठन किसी भी क्षण अब तक के सबसे बडे़ आंदोलन की घोषणा कर सकता है जिसके लिए अब सरकार तैयार रहें या समान कार्य समान वेतन और अन्य सभी आदेश शीघ्र जारी करें।
उक्त विषय पर अध्यापक मोर्चे के संरक्षक श्री मनोज मराठे ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि हमारे संयुक्त मोर्चे के एक धडे़ के प्रमुख मनोहर दुबे जी जो अब सरकार से वार्ता व सकारात्मक संबंध को लेकर प्रयासरत थें परंतु पिछले तीन माह तक उनके द्वारा सभी प्रयास सकारात्मक वार्ता के विफल होने की दशा में उन्होने स्वयं के फेसबुक के माध्यम से मुझे भी संदेश भेजा कि अब आंदोलन ही अंतिम मार्ग है पर सीधे आंदोलन करने की बात की बजाय अध्यापक और कमेटी को समर्थन देने की बात प्रचारित व प्रसारित की।
यह सभी अध्यापक संगठनो के लिए भी खुशी की बात है कि देर सबेर हमारे भाई बंधु किसी न किसी बहाने हमारे साथ हो रहे है और अब सभी संगठन जब एक समय एक मंच पर आकर अपनी मांगों के लिए एकजूट होकर आंदोलन करेंगे तो यह प्रदेश अध्यापक संवर्ग का अब तक सबसे बड़ा आंदोलन होगा ऐसी आशा श्री मनोज मराठे ने व्यक्त की क्योकि मध्यप्रदेश में यू तो अध्यापकों का शोषण और आंदोलन आम बात है किंतु जब से छत्तीगढ सरकार ने समान कार्य समान वेतन व प्राचार्य के पदो पर प्रमोशन के आदेश जारी किए तब से मध्यप्रदेश में अध्यापको में आक्रोश अपनी सीमा लांग गया।
पूरे प्रदेश में अध्यापक संगठन अपने अपने संगठन के पदाधिकारीयों को प्रदेष सरकार के दफ्तरो के चक्कर काटने की बजाय पूर्व में स्थगित आंदोलन फिर से नये सिरे से प्रारंभ करने को लेकर निरंतर दबाव बनाये हुए है तो दुसरी ओर भोपालसमाचार.काम व फेसबुक के माध्यम से भी अध्यापक संवर्ग अपना आक्रेाश निरंतर जता रहे है तो इस बीच भोपालसमाचार.काम पर भी अप्रत्यक्ष रूप से दुबे जी की मंशा आंदोलन की ओर रूख करने की जाहीर हुई है।
यह हमारे सभी संगठनो और एक एक अध्यापक संविदा व गुरूजी साथियों के लिए सुखद समाचार है कि हम सब फिर एक मंच पर संगठीत होने जा रहे है किंतु इसके लिए ब्रजेश शर्मा जी, दुबे जी, पाटीदार जी, अध्यापक कोर कमेटी, व अन्य सभी संगठनो के साथ गुरूजी संघ के प्रदेष अध्यक्ष आदि ने शीघ्र एक उच्च स्तरीय मीटिंग भोपाल में आयोजित कर एक सप्ताह के अंदर सरकार को समान कार्य समान वेतन व संविलियन जैसी मांगों के आदेश प्रसारित करने के लिए केवल मौखिक रूप से कब तक आदेश जारी होंगे कि समय सीमा के लिए मात्र एक सप्ताह का अल्टीमेटम देकर आंदोलन की तारीख की घोषणा कर देनी चाहिए क्योंकि अब और सहा नही जाता। छत्तीसगढ का आदेश देखकर रहा नही जाता। और आंदोलन के लिए जैसा की दो दिन पूर्व हमारे साथी अनिल नेमा और अन्य अध्यापक साथीयों ने आंदोलन की रूपरेखा बतायी कि हम नही तो तुम नही कि तर्ज पर सभी संगठन आंदोलन की घोषणा करें।
यह आंदोलन वास्तव में आज तक अध्यापक व शिक्षाकर्मियों द्वारा किये गये आंदोलनो में सबसे बड़ा आंदोलन होगा इसके लिए सरकार भी तैयार रहे क्योकि सरकार के प्रमुख द्वारा हमें पिछले तीन माह से बार बार आश्वस्त किया जा रहा है कि मैं आपको शीघ्र अच्छा वेतन दूंगा किंतु आष्वासन की भी सीमा होती है हमें तो शक हो रहा है कि सरकार और हमें छठवे वेतन के नाम पर फार्मूला वेतन देने वाले अधिकारीयों की साजिष तो नही की आप बोलते रहिए एक दिन अधिसूचना जारी हो जाएगी और सब ठीक हो जाएगा।
साथीयो यह सरकार की मंशा हो सकती है किंतु इस मंशा के सामने हमें भी हमारे विकल्प खुले रखना है बस एक आंदोलन या आदेश। मेरा सभी संगठनो के पदाधिकारीयो से निवेदन है कि फिर से एक मंच पर मीटिंग करें और आंदोलन की रूपरेखा तैयार करे तो सभी अध्यापक साथीयों से निवेदन है कि आंदोलन का नेतृत्व कोई भी पदाधिकारी या संगठन करें हमें एक आवाज पर एक साथ समर्थन कर गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन में शामिल होना है यह हमारे आर्थिक आजादी का आंदोलन है जो आजादी हमारे साथ सेवा में आये और संघर्ष कर रहे छत्तीसगढ के भाईयों को मिल चुकी है। अब देर सबेर आवेदन निवेदन नही तो आंदोलन करके ही मंजिल को पाना है।
आपका
मनोज मराठे
अध्यापक मोर्चा
मोबाईल 9826699484