गैरतगंज।राकेश गौर। रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील में संचालित एक मात्र सरकारी कालेज लगभग 24 वर्षो से बेलगाडी प्रोजेक्ट के किराए के भवन में संचालित हो रहा है। असुविधा एवं अव्यवस्था के बीच क्षेत्र के छात्र छात्राओं को पढाई करने पर मजबूर होना पड रहा है।
जिसके मददेनजर वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री ने गैरतगंज आगमन पर कालेज भवन निर्माण की घोषणा की थी। जिसके निर्माण हेतु 50 लाख की राशि दी गई लेकिन उक्त राषि को ठेकेदारों ने सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ मिलकर बंदरबांट कर दिया और 50 लाख की राशि को उक्त भवन के मात्र पिलर एवं निचले स्तर का निर्माण कर उक्त राशि कागजी कार्यवाही कर निकाल ली गई और कम राशि पडने का बहाना बताकर लाखो रू. की राशि आहरण कर ली।
वर्तमान में आलम ये है कि भवन का निर्माण विगत 7 वर्ष से अधूरा पडा है। सुविधा के अभाव में स्थानीय छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है। वही मुख्यमंत्री की घोषणा को ठेकेदार एवं सत्तापक्ष के भाजपाई नेताओं द्वारा मिलीभगत कर पलीता लगाया गया है।वर्तमान में आलम ये है कि उक्त अधूरा भवन खण्डर की कगार पर है वही इसे शराबियों ने अपने कब्जे में ले लिया है।
गैरतगंज तहसील मुख्यालय में सन् 1989 में छात्र छात्राओं की सुविधाओं के दृष्टिगत कालेज खोला गया था। तात्कालिक व्यवस्था के रूप में बेलगाडी प्रोजेक्ट के खाली पडी भवन में किराए से इसका संचालन प्रारम्भ हुआ था। बाद में जनता की मांग पर प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान ने कालेज भवन निर्माण की आधारषिला रखी थी।शुरू में 50 लाख की राषि भवन निर्माण हेतु स्वीकृत की गई थी।
वर्ष 2006 में निर्माण प्रारम्भ भी हुआ परन्तु अधिक लागत बताकर ठेकेदार ने निर्माण को अधूरा छोड दिया। निर्माण में ठेकेदार द्वारा 65 लाख रू की अतिरिक्त राषि की और मांग की गई। जिसे शासन ने मंजूर कर विभाग को उसका आंवटन कर दिया है। परन्तु मौके पर विगत दो वर्ष से निर्माण कार्य बंद पडा है। तथा निर्माण पूरा कराने की सुध लेने वाला कोई नही है। नतीजतन छात्र छात्राऐं भवन के अभाव में सुविधा विहीन किराए के छोटे भवन में अध्ययन को मजबूर है। निर्माण शीघ्र प्रारम्भ न होने से वर्तमान में अधूरा बना हुआ भवन भी खण्डहर हो चला है।
मुख्यमंत्री के संबंधियों को दिया था ठेका
मुख्यमंत्री ने गैरतगंज कालेज भवन के लिए जैसे ही 50 लाख की राषि की घोषणा की वही दूसरी और कालेज के ठेके लेने की होड खुद भाजपा सरकार के नेताओं ने अपने कब्जे में ले लिया। क्षेत्रीय लोगो ने बताया कि स्वंय मुख्यमंत्री के खास संबंधि ने ही उक्त भवन का ठेका स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ मिलकर ले लिया। कालेज भवन के अधूरे होने का वास्तविक कारण यही रहा। तकनीकी इंजिनियरों की माने तो 50 लाख की राषि में वर्तमान में निर्माणाधीन कालेज का तीन गुना हिस्सा बन सकता था। लेकिन स्वंय मुख्यमंत्री के संबंधी की आड में बेखौफ ढंग से घटिया निर्माण कर निर्माण को अधूरा छोड दिया गया है।
जब सैयां कोतवाल तो फिर काहे का डर
50 लाख की राशि का निर्माण कार्य इेकेदार द्वारा इस तरह निडर होकर करवाया कि प्रषासन का कोई भी अधिकारी आज तक अधूरे पडे कालेज भवन की और देखने तक नही आया। वही उक्त भवन में कब 50 लाख खर्च हो गए। किसी को पता ही नही चला वही राषि के आहरण में ना तो कोई प्रषासनिक आकडे आडे हाथो आए और न ही घटिया निर्माण में किसी की और से कोई षिकायत की गई। मुख्यमंत्री की एकमात्र गैरतगंज तहसील के लिए बडी घोषणा के प्रति क्षेत्रीय छात्र छात्राओं सहित लोगो में आक्रोष है और वे ये कहते नही थकते कि जब सैयां कोतवाल तो फिर काहे का डर।