सीहोर। छोटे से शहर में रहकर कम उम्र में पंकज सुबीर ने आज साहित्य जगत में जो मुकाम हासिल किया है वो निश्चित रुप से सराहनीय है, मैनें उनकी कहानियों को पढ़ा है उनकी कहानियों में नि:सन्देह दम है और वे जिस तरह से लिख रहे है उससे यह साफ तौर पर लग रहा कि वे आने वाले समय में देश के साहित्य जगत में विशिष्ट स्थान प्राप्त करेंगे।
यह बात साहित्य अकादमी पुरस्कार से विभूषित देश के वरिष्ठ कवि श्री चन्द्रकांत देवताले ने राजधानी में आयोजित मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित वागीश्वरी पुरस्कार समारोह में कही। इस अवसर पर सीहोर के पंकज पुरोहित सुबीर सहित लेखक चित्रकार अखिलेश तथा युवा कवि वसंत सकरगाए को भी समारोह पूर्वक वागीश्वरी पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री चन्द्रकांत देवताले ने कहा कि रचनाकारों का सम्मान करना जरुरी है इससे उनका हौंसला बढ़ता है साथ ही इस बात का भी पता चलता है कि समाज की निगाह उनके लेखन पर है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व पुलिस महानिदेशक आरपी मिश्रा ने वरिष्ठ पत्रकार मायाराम सुरजन फाउण्डेशन द्वारा हिन्दी साहित्य जगत के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्व. मायाराम जी के कार्यों को जनता तक पहुंचाना हम सभी का दायित्व बनता है अच्छी बातों को सदा समाज तक पहुंचना ही चाहिए।
प्रख्यात साहित्यकार श्री प्रयाग राज ने कहा कि मायाराम सुरजन फाउण्डेशन का कार्य काफी सराहनीय है कला से जुड़े लोगों में संवाद और भी बढऩा चाहिए भोपाल में जो वातावरण है वो देश में कहीं और दिखाई नहीं देता है। इससे पहले मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पलाश सुरजन और महामंत्री प्रो विजय अग्रवाल द्वारा कार्यकम की विस्तार से जानकारी प्रदान की।
मायाराम सुरजन फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी ललित सुरजन ने मायाराम सुरजन फाउण्डेशन द्वारा किए जा रहे कार्य को विस्तार से बताया। कार्यक्रम में सीहोर के पंकज पुरोहित सुबीर सहित लेखक चित्रकार अखिलेश तथा युवा कवि वसंत सकरगाए को वागीश्वरी पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर अक्षर पर्व के विशेषांक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
अक्षर पर्व की संपादक सवमित्रा सुरजन ने विमोचन कराते हुए अक्षर पर्व की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार श्री मुकेश वर्मा द्वारा किया गया आभार वसुधा संपादक राजेश शर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में मायाराम सुरजन फाउण्डेशन द्वारा बनाई गई वेव साइट का भी लोकापर्ण किया गया। तो पहलवान कमजोर नहीं हो जाएगा
कार्यक्रम में श्री चन्द्रकांत देवताले ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पुरस्कार में केवल पुस्तकें भेंट की जाए चाहे वो पहलवान को ही क्यों न दी जाए किताब पढऩे से पहलवान कमजोर नहीं होगा किताब कभी एक्सपायर नहीं होती है और न ही यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।