अंतत: शर्म आ ही गई सरकार को, गृहमंत्री नागपुर पहुंचे हाल चाल पूछा

भोपाल। इतने दिनों तक 'गुड़िया' मौत से जूझती रही लेकिन शिवराज के मैनेजर्स के अलावा उसकी किसी ने फिक्र नहीं की। यहां तक कि गृहमंत्री ने तो इस बारे में खेद जताने तक की जहमत नहीं उठाई थी। आज जब पूरी मीडिया ने हंगामा बरपाया तो अचानक मध्यप्रदेश संवेदनशीलता जाग उठीं। आनन फानन में गृहमंत्री नागपुर जा पहुंचे।

सनद रहे कि इससे पूर्व जब शिवराज के मैनेजर्स ने 'गुड़िया' को जबलपुर से नागपुर रिफर ​करवाया था तो कुछ इस तरह प्रचारित किया गया था जैसे उस पर बहुत बड़ा रहम किया जा रहा हो। वो तीन दिन तक जबलपुर अस्पताल में रही लेकिन विधानसभा अध्यक्ष तो क्या उनका चपरासी भी उसके हालचाल जानने नहीं पहुंचा।

आज जब तमाम अखबारों सहित पूरी नेशनल मीडिया ने मामले को संवेदनशीलता से उठाया तो अचानक सरकार को अपनी जिम्मेदारियां याद आ गईं। तुरत फुरत गृहमंत्री को नागपुर रवाना किया गया। गृहमंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आज केयर हास्पिटल नागपुर पहुँचकर सिवनी जिले के घंसौर की पीड़ित बालिका के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने बालिका का इलाज कर रहे डॉक्टरों से भी चर्चा की। गृह मंत्री श्री गुप्ता आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर नागपुर पहुँचे। इस दौरान स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री नाना भाऊ मोहोड़ भी गृह मंत्री के साथ थे।

खेद नहीं जताया, घोषणा की

गृहमंत्री ने वहां पहुंचकर खेद नहीं जताया कि 'मेरा पुलिस विभाग आपकी सुरक्षा नहीं कर पाया' मेरे विभाग की दहशत अपराधियों में अब नहीं बची और यह जो घटना हुई है वो मेरा और मेरे विभाग का फेलियर है, बल्कि घोषणा की कि इलाज का खर्चा हम उठाएंगे।

मध्यप्रदेश शासन की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि बालिका के इलाज के लिए मुम्बई से भी डाक्टर्स बुलाए गए हैं। बालिका का लगातार हेल्थ चेक-अप किया जा रहा है। बालिका को अभी भी डाक्टरों की देखरेख में वेंटीलेटर पर रखा गया है। जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी पीड़ित बालिका के इलाज की व्यवस्थाओं के लिये बालिका के परिजनों के साथ केयर हास्पिटल में मौजूद हैं। परिजनों को भी सभी सुविधाएँ मुहैया करवाई जा रही हैं।

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