गैरतगंज। लंबे समय से जलसंकट की त्रासदी भोग रहे गैरतगंज तहसीलवासी ग्रीष्म ऋतु के आगमन पर एक बार फिर आसन्न जलसंकट से भयभीत है।हर साल जलसंकट से जूझने वाले क्षेत्रवासियों के लिए शासन स्तर पर कोई स्थाई उपाए जल व्यवस्था के लिए नही किए गए है।वही क्षेत्र को बडी जलआवर्धन योजना की भी दरकार है।
लम्बे समय से अल्प जलस्रोतो से क्षेत्र की जनता अपने कंठ की प्यास बुझा रही है।क्षेत्र में हाल यह है कि स्थापित नलजल योजनाओं में अधिकांष बेकार पडी है।स्थापित हंेडपंपो ने दम तोड दिया है।वेकल्पिक उपायों के रूप में पुराने जलस्रोतों की सफाई के लिए भी विभागीय स्तर पर कोई प्रयास नही किए गए है।नगरीय क्षेत्र गैरतगंज और बडी आबादी के 173 ग्रामों में हर तरफ पेयजल संकट की त्रासदी है।
जल आवर्धन योजना की दरकार
पहले ग्राम पंचायत एवं कुछ वर्ष पूर्व नगर परिषद का दर्जा हासिल करने वाले गैरतगंज नगर को बडी पेयजल आवर्धन योजना की दरकार है।जो जलापूर्ति के लिए अत्यन्त आवष्यक है।प्रदेष के मुखिया षिवराज सिंह चैहान ने चुनावी वर्ष में गैरतगंज को जल आवर्धन योजना देने की घोषणा की थी। परन्तु वर्षो बाद भी नागरिकों की यह मांग अधूरी है तथा नागरिक आषा में ही बैठे है।
पुराने जलस्रोतों की नही हुई सफाई
सम्पूर्ण तहसील क्षेत्र में व्याप्त जलसंकट के बाबजूद प्रशासन स्तर पर वेकल्पिक उपायों के रूप में पुराने जलस्रोतों की सफाई का कार्य भी प्रारम्भ नही कराया गया है।क्षेत्रभर में अनेक कुऐं,नदी ,तालाब एवं बाबडी गंदगी एवं कचरे से लवालव पडे है।वार्ड क्रं. 06 में पुराने जलस्त्रोत के रूप में उपयोगी बाबडी की सफाई का कार्य नगर पंचायत द्वारा नही किया जा रहा है।
इसके अलावा नगर के अन्य जलस्त्रोत को संबधित विभागों द्वारा इनकी सफाई कर जलसंकट का हल खोजने का कोई प्रयास नही कराया जा रहा है।नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में कई जलस्रोत अतिक्रमण की चपेट में भी है परन्तु उनको मुक्त कराने के भी कोई प्रयास नही किए जा रहे है।यदि समय रहते इन बातो पर ध्यान नही दिया गया तो हालात बेकाबू हो सकते है।
कर रहे है प्रयास
जल समस्या के हल के लिए संबंधित विभागों से बात कर समुचित प्रयास किए जा रहे है।
उमराव सिंह मरावी
एसडीएम गैरतगंज