लो अब मेडीकल सर्विस में भी नंबर 1 हो गया मध्यप्रदेश

भोपाल। अब से पहले तक यह उठापटक कोल्डड्रिंक्स, मोबाइल कंपनियों और अखबारों में दिखाई देती थी। सब के सब अपने आपको नंबर 1 बताया करते थे। रिपोर्ट का अपने तई समीक्षा करते और होर्डिंग तान देते परंतु अब मध्यप्रदेश सरकार भी ऐसा ही करने लगी है। 60 प्रतिशत से ज्यादा बदबूदार हॉस्पिटल्स के मालिक मध्यप्रदेश को मेडीकल सर्विस में नंबर 1 बताने की कोशिश की जा रही है।

क्या कुछ कोशिश हो रही है इसे जानने के लिए आप खुद पढ़िए ये सरकारी प्रेसनोट

मध्यप्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अत्यन्त उत्साहवर्धक कार्य करने वाले राज्यों की श्रेणी में

फरवरी माह में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की चैन्नई में सम्पन्न वार्षिक बैठक में लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में प्रारंभ किये गये कार्यों और उनकी उपलब्धियों की सराहना हुई है। महाबलीपुरम, चैन्नई में 9-10 फरवरी को सम्पन्न इस बैठक में मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये प्रयासों और उनसे प्राप्त परिणामों के आधार पर प्राप्त उपलब्धियों के लिये प्रदेश को अत्यन्त ही उत्साहवर्धक कार्य करने वाले राज्यों तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के साथ वर्गीकृत किया गया है।

मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2012-13, चालू माली साल के बजट प्रावधानों और इसके पूर्व के वर्षों की विभागीय उपलब्धियों को देखते हुए यह विश्वास किया जा सकता है कि स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्र में परिणाममूलक योजना का क्रियान्वयन करने से लक्ष्यों के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त की जा सकती है। वर्ष 2003-04 में जहाँ स्वास्थ्य क्षेत्र में 241 करोड़ रुपये ही व्यय किये जाते थे वही वर्ष 2013-14 में 5000 करोड़ से अधिक की राशि स्वास्थ्य बजट के लिये आवंटित की गई है। अब मध्यप्रदेश में शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क औषधि वितरण, निःशुल्क चिकित्सकीय जाँच निःशुल्क रोगी परिवहन सुविधा, निःशुल्क पौष्टिक आहार के साथ ही निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिये लगभग 400 करोड़ रुपये जिला विकास खण्ड एवं ग्राम स्तरीय चिकित्सालयों के निर्माण के लिये स्वीकृत किये गये हैं। मानव संसाधनों के विस्तार के लिये लगभग 2000 चिकित्सक, 4000 नर्स तथा लगभग 6000 पैरा मेडिकल स्टॉफ की भर्ती की जा रही है।

राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य के राष्ट्रीय मानकों को आगामी योजना अवधि में क्वांटम जम्प कर प्राप्त करने की कार्ययोजना ‘‘सम्पूर्ण स्वास्थ्य सबके लिये ’’ चिन्हित की गई है। साथ ही भविष्य के लिये ग्राम को धुरी मानकर समुदाय आधारित कार्ययोजना का निर्माण एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है।

  • जिक्र-ए-खास यह है कि यह वही मध्यप्रदेश है जहां
  • डॉक्टरों की भारी कमी चल रही है।
  • डॉक्टर्स सरकारी नौकरियां छोड़कर जा रहे हैं।
  • नई नियुक्तियां हो नहीं पा रहीं हैं।
  • अस्पतालों में बलात्कार की घटनाएं हो रहीं हैं।
  • 60 प्रतिशत से ज्यादा अस्पताल बदबूदार हो गए हैं।
  • बिना 10 रुपए रिश्वत दिए इंजेक्शन तक नहीं लगता।
  • देश का सबसे बड़ा दवा घोटाला मध्यप्रदेश में हुआ।
  • दवा माफिया के चैनल पार्टनर योगीराज शर्मा के समर्थन में खड़ी रही सरकार।
  • बिस्तर और तकियों में से नोट ​बरामद होने के बाद भी कोई न्यायालयीन कार्रवाई नहीं।
  • नर्सों और सफाई कर्मचारियों के हवाले पूरा का पूरा मैदानी स्वास्थ्य अमला।
  • अपनी शर्तों पर सेवाएं दे रहे हैं बचे हुए डॉक्टर्स
  • पूरा का पूरा विभाग अभी भी दवा माफिया के चंगुल में।


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