एक ठेकेदार के लिए अपने ही दो विधायकों से विधानसभा में उलझ गए RWD मंत्री

भोपाल। एक तरफ कहा जा रहा है कि यदि विधायकों की लोकप्रियता में कमी आई तो टिकिट काट दिया जाएगा और दूसरी तरफ उनकी मांगों एवं शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। हालात यह बन गए कि आज विधानसभा में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर अपने ही दल के दो विधायकों से एक ठेकेदार को लेकर उलझ गए।

मामला रीवा का है। एक ठेकेदार के ध्यानाकर्षण के जरिए मामला उठाया गया, परंतु पीडब्ल्यूडी मंत्री लगातार उसका बचाव करते रहे। यहां तक कि सभापति ने भी जब मामले की जांच कराने की व्यवस्था दी तो मंत्रीजी ने उन्हें भी दो टूक जबाव दे डाला परंतु जांच के लिए तैयार नहीं हुए।

विधानसभा में सत्ताधारी दल भाजपा के दो विधायकों लक्ष्मण तिवारी और विश्वामित्र पाठक लोक निर्माण मंत्री नागेंद्र सिंह के उत्तर से संतुष्ट नहीं हुए। ठेकेदार के पूर्व कर्मचारी और उसके परिजनों से ठेकेदार के कर्मियों द्वारा कथित मारपीट के मामले में मंत्री ने बार-बार कहा कि दोनों पक्षों ने एफआईआर दर्ज कराई है, इसमें लोक निर्माण विभाग क्या कर सकता है। पुलिस विवेचना के बाद न्याय करेगी।

यह मामला भाजपा विधायक लक्ष्मण तिवारी ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाया था। उनका कहना था कि महिलाओं से भी मारपीट की गई। ठेकेदार कंपनी के संचालक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाना चाहिए थी। रीवा जिले के इस हनुमान बहरी सड़क निर्माण के मामले में भाजपा विधायक पाठक ने कहा कि ठेकेदार अवैध उत्खनन कर रहा है। प्रदूषण से लोग परेशान हैं। मंत्री ने कहा कि इसकी शिकायत प्रदूषण नियंत्रण मंडल से की जाना चाहिए।

मंडल ही बताएगा कि मापदंडों का उल्लंघन हो रहा है या नहीं। लोक निर्माण विभाग में अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्य ही सरकार से संतुष्ट नहीं हैं। उनकी एक टिप्पणी को सभापति नीता पटेरिया ने कार्यवाही से निकाल दिया। पटेरिया ने कहा कि सौतेले व्यवहार की बात विलोपित की जाए। सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष के दो विधायक पीडि़त हैं। इस मामले की जांच कराई जाए। मंत्री ने कहा कि कौन सी शिकायत की जांच कराई जाए?
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!