दिलीप सिकरवार/ बेतुल। भागकर प्रेम विवाह रचाने वाले युवक- युवती का प्रेम रस उतारने में सामाजिक बंधुओं ने कोई कसार नहीं छोड़ी. लड़की को सजा में अपने घने बालों से हाथ धोना पड़ा तो आशिक को चक्की का पात गले बांध कर गाँव में घुमाया गया.
घटना चिखलार गाँव की है. यहाँ आदिवासी समाज की लड़की- लड़का सुखनंदन ने एक- दुसरे को पसंद किया और शादी की ठान ली. बकौल सुखनंदन, मुझे वो पसंद आ गई थी हमने घर से भाग कर प्रेम विवाह कर लिया. परिवार वालों का गुस्सा शांत होने तक हम बाहर ही रहे. फिर 20 मार्च को गाँव लौट कर आ गये.
गाँव आना महंगा पढ़ गया. सामाजिक लोगों ने हमारे साथ ऐसा सलूक किया जैसे हमने किसी को गोली मार दी हो. हमने तो शादी की थी. मगर कोई सुनने वाला नहीं था. उन्होंने मेरे मुंडन कराया. गले में पात(चक्की के ऊपर वाला भारी पत्थर ) बंधकर पूरे गाँव में घुमाया. बूरा- भला भी कहा.
मेरी पत्नी को भी मारा पीटा. उसके बाल काट डाले. यह सब हमारी परम्परा के नाम पर किया गया, जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है. आदिवासी तो एक तरह से मुक्त जीवन जीता है.
गाँव में हो रहे जुल्म की खबर मुख्यालय पहुंची तो प्रशासन अलर्ट हो गया. महिला एवं बाल विकास की पर्यवेक्षक नीरजा शर्मा ने पुलिस में रिपोर्ट की. तब आदिवासी समाज के 16 लोगों पर धारा ३४१, २९४, ५०६, ३४ के तहत मामला दर्ज किया गया. इनमे से 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अब समाज के लोग एसपी से मामला वापस लेने का निवेदन कर रहे है.
दिलीप सिकरवार
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