भोपाल। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए बनाए गए उपार्जन केंद्रों पर किसानों से खुलेआम जबरिया वसूली और मारपीट हो रही है। हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि, गावों के बीच में टकराव की नौबत आ चुकी है। इसी टकराव के चलते उपार्जन केंद्रों पर गेहूं से भरी ट्रालियां बीते डेढ़ हते से खड़ी हैं।
किसानों को बेमौसम बरसात का डर सता रहा है, जिसके चलते किसान प्रति ट्राली दस पसेरी गेहूं की रिश्वत देने को मजबूर हैं। दूसरी ओर, बिगडैल व्यवस्था से त्रस्त किसानों ने उपार्जन केंद्रों की व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर गेहूं से भरी ट्रालियां सीएम हाउस ले जाकर गेहूं के ढेर लगाने का अल्टीमेटम दे दिया है।
यह चौंकाने वाला खुलासा करीब दर्जनभर गांवों के किसानों ने किया है। किसानों ने बताया कि, बीते दिन एसडीएम राजेश श्रीवास्तव और तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। निपानिया जाट उपार्जन केंद्र में मारपीट, बदसलूकी और जबरिया वसूली के बारे में ग्राम कुठार, शहायापुर, खजूरी, निपानिया, कदरई आदि के किसानों ने बताया कि, ग्राम कुठार के दो किसानों के साथ निपानिया जाट उपार्जन केंद्र पर सोसायटी कर्मचारी यादराम ने साथियों ने हमला कर दिया और बुरी तरह से मारा।
इसकी रिपोर्ट नहीं लिखने पर किसानों ने विरोध शुरु कर दिया और पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत की, जिसके बाद र्इंटखेड़ी चौकी में रिपोर्ट लिखी गई। इस घटना के कारण कुठार और निपानिया जाट गांव के किसानों के बीच तनातनी हो गई है। अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया तो टकराव होना तय है।
निपानिया जाट के तौल कांटे पर सिर्फ एक ही जाति के किसानों का गेहूं तौला जा रहा है, बाकी किसानों की ट्रालियां आठ-दस दिन से खड़ी हैं। किसानों में रामसजीवन मीना, कन्हैयालाल, हेमराज, ओमप्रकाश सरपंच ग्राम चंदेरी, हरिओम, शांतिस्वरुप, ठाकुर प्रसाद, श्यामसिंह, मान सिंह, प्रीतम, मनोज यादव, प्रदीप शर्मा, नथमल और गोवर्धन यादव आदि थे। किसानों ने बताया कि, गांव तक सड़क नहीं होने के कारण कुठार कोआपरेटिव सोसायटी का मुख्यालय ग्राम निपानिया जाट कर दिया गया। अब सड़क बन चुकी है ऐसे में उनके गांव का केंद्र वापस किया जाए।
पांच सौ से ज्यादा किसानों के केंद्र बदले
किसानों के बीच टकराव टालने और हालात सामान्य करने के लिए जिला प्रशासन ने करीब 500 किसानों के उपार्जन केंद्र बदले हैं। एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि, इस बार किसान को अपने गांव की सोसायटी के केंद्र पर पंजीयन कराने के साथ ही गेहूं बेचने की बाध्यता थी। शिकायत मिलनें पर किसानों के केंद्र बदले जा रहे हैं। सर्वाधिक आवेदन करोद कृषि मंडी में शिटंग के लिए थे। वैसे भी करोद मंडी में इस बार सिर्फ 100 पंजीयन ही हुए हैं, जबकि बीते साल एक हजार से ज्यादा किसानों ने यहां पंजीयन कराया था।