गरीबी से त्रस्त मध्याह्न भोजन महिला कार्यकर्ता व बीमार पति ने की आत्महत्या

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दमोह से शंकर सोनी। ये गरीबी की दर्दनाक दास्तां हैं, इतनी दर्दनाक की रोम रोम सिहर उठे। एक 40 वर्षीय महिला आशाबाई जो एक स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाया करती थी, ने अपने बीमार पति के साथ रेल के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। कारण था पिछले कई सालों से लगातार कभी न खत्म होने वाली गरीबी।

प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम सिमरी कीरत निवासी मूलचंद्र पिता काशीराम पटैल 45 वर्ष व इसकी पत्नी आशा बाई पति मूलचंद्र 40 वर्ष बहुत दिनों से कोई भी रोजगार का साधन न होने से परेशान थे और किसी तरह मजदूरी कर अपना व अपने एक बच्चे का भरण पोषण कर रहे थे। वहीं पति-पत्नि बीमारी से भी पीडि़त थे जिस कारण से उन्हें अपना जीवन बोझ लगने लगा और दोनों ने शनिवार की सुबह ग्राम सिमरी समीप रेलवे के कोपरा पुल पर अप लाईन पर दमोह से सागर की ओर जाने वाली एक मालगाड़ी के सामने पहले पति ने व इसके बाद पत्नि ने कूंदकर आत्महत्या कर ली।

मृतक मूलचंद्र के बड़े भाई नन्हें पटेल ने बताया कि उनका भाई तथा उसकी पत्नि बहुत समय से बेरोजगारी के कारण परेशान थे, उनके पास न तो खेती के लिए कोई जमीन थी और न ही रोजगार का अन्य कोई साधन इस कारण से उन्हें मजदूरी करनी पड़ती थी, लेकिन 10-12 वर्ष पूर्व मूलचंद्र मजदूरी करते हुए एक पुलिया से गिर गया था जिसमें उसकी रीढ की हड्डी में चोट आ गई थी तभी से वह मजदूरी करने में असक्षम हो गया था। साथ ही उसे टीबी की बीमारी ने घेर लिया था इसी तरह उसकी पत्नि के भी पैरों ने काम करना बंद कर दिया था, लेकिन वह किसी तरह एक स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने का काम करती थी।

इस दंपत्ति का एक पुत्र है जो एक जेसीबी मशीन पर हेल्पर का काम करता है साथ ही एक पुत्री का विवाह इन्होंने पूर्व में कर दिया था, गरीबी ने इस दंपत्ति का बुराहाल कर रखा था ये दोनों अपने पुत्र के साथ भले ही रहते थे परंतु तीनों दाने-दाने को मोहताज थे।

यही वजह रही कि इस दंपत्ति ने अपने पुत्र पर बोझ बनना नागवार समझा और अपनी जीवन लीला समाप्त करने का फैसला कर लिया। इसी कारण से दोनों पति-पत्नि ने मालगाड़ी के सामने कूंदकर आत्महत्या कर ली है।

मृतक के भाई ने बताया कि बीमारी में इन्होनें करीब 20 से 25 हजार रू. भी खर्च किए लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई और यह आर्थिक रूप से और भी टूट गए। मृतक मूलचंद के साले झुन्नीलाल ने बताया कि उसके बहन व बहनोई आर्थिक तंगी को लेकर परेशान रहते थे और उन्हें एक ही चिंता रहती थी कि वे अपने पुत्र उपेन्द्र का भविष्य कैसे सुधार पायेगें व उसी की चिंता को लेकर वो कई बार मुझे भी बता चुके थे। पुलिस ने दोनों शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिये भिजवाया। पोस्टमार्टम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिये गये जब ये शव गांव पहुंचे तब पूरे ग्राम में मातम का माहौल निर्मित हो गया था।

पति ने कहा दूसरी शादी करूंगा, पत्नि ने जहर खा लिया

पटेरा पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम बिछुआ कुड़ई निवासी हल्लोबाई पति मुरारी पटैल उम्र 23 वर्ष ने जहर की गोलियों का सेवन कर मौत को गले लगा लिया। मृतिका के पिता दामोदर पटैल ने आरोप लगाते हुये बताया कि उसकी बेटी को दहेज के लिए पति मुरारी एवं सास धनबाई द्वारा शादी के बाद से ही लगातार परेशान किया जाता था और इसी वजह से उसकी पुत्री परेशान रहती थी। यहीं वजह है कि बार-बार प्रताडऩा से तंग आकर उसकी पुत्री ने मौत को गले लगा लिया पिता दामोदर का कहना था कि उसने अपनी हैसियत के अनुसार पुत्री का विवाह किया था लेकिन शादी के बाद से ससुराल पक्ष द्वारा लगातार सोने की चैन की मांग की गई और मेरी पुत्री को परेशान किया गया। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम किया है एवं पूरे मामले की जांच कर रही है।

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