भोपाल। अटल ज्योति योजना के तहत बुरहानपुर के गावों को रोशन करने पहुंचे शिवराज सिंह चौहान को आगबाबूला जनता से बचाने के लिए पुलिस ने अजीब तरीका अख्तियार किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दो नेताओं को बेवजह हिरासत में रखा गया तो 12 अध्यापकों को डीईआ आफिस में नजरबंद कर दिया गया। बाहर पुलिस तैनात रही।
यहां तो केवल यही कहा जा सकता है कि 'रोम जल रहा है और नीरो से बंशी बजवाई जा रही है।' पुलिस की इस कार्रवाई की चारों ओर निंदा की जा रही है। संघ के स्थानीय नेताओं ने भी विरोध दर्ज कराया है।
11:30 बजे लिया हिरासत में 4:30 पर छोड़ा
दो दिन में चार स्थानों पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का पुतला जलाया गया था। पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर पुतला फूंकने का अंदेशा देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दो पदाधिकारियों को घर से उठा लिया। दोपहर 11.30 बजे सिटी कोतवाली पुलिस संघ के जिला प्रवक्ता विपिन सुगंधी और आकाश कुमार थाने ले आई। सीएम के जाने के बाद शाम 4.30 बजे उन्हें छोड़ा गया। पदाधिकारियों को थाने में बैठाने की खबर मिलते ही थाने के बाहर कार्यकर्ता जुटने लगे। दोपहर 3 बजे करीब 100 से अधिक कार्यकर्ता यहां पहुंचे। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने पदाधिकारियों को छोडऩे की मांग की। भारी विरोध को देखते हुए पुलिस ने शाम 4 बजे दोनों पदाधिकारियों को छोड़ दिया।
फोन तक नहीं लगाने दिया
कोतवाली में साढ़े 4 घंटे बैठे विपिन सुगंधी ने कहा बिना कारण मुझे थाने बुलाया गया। यहां से बाहर भी नहीं जाने दिया गया। पुलिस अफसरों ने किसी से मोबाइल तक पर बात नहीं करने दी। पुलिस के इस रवैए के खिलाफ संघ जल्द ही बैठक लेकर रणनीति बनाएगा। शहर संघचालक संजय चौधरी ने कहा पुलिस कार्रवाई का हमने पुरजोर तरीके से विरोध किया है। वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी अवगत कराया है। उनके निर्देश पर जल्द ही विरोध की रूपरेखा तैयार करेंगे।
12 अध्यापक डीईओ आफिस में रहे नजरबंद
बुरहानपुर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के शहर में रहने के दौरान पुलिस ने 12 अध्यापकों को 6 घंटे तक नजरबंद रखा। बैठक के बहाने डीईओ आरएल उपाध्याय और सीएसपी कमल मौर्य ने अध्यापक नेताओं को लक्ष्मी नगर स्थित डीईओ ऑफिस बुलाया। भूखे-प्यासे अध्यापक यहां सुबह 10 से शाम 4.30 बजे तक शिकारपुरा थाने के 2 एसआई और 8 जवानों के पहरे में रहे। अध्यापक नेताओं ने दोषी अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
संयुक्त अध्यापक मोर्चा पदाधिकारी मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। उन्होंने कलेक्टर आशुतोष अवस्थी से ज्ञापन सौंपने की अनुमति मांगी। लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। सुबह 10 बजे डीईओ उपाध्याय और सीएसपी मौर्य ने उन्हें विश्वास में लेकर ऑफिस बुलाया और पहरे में बैठा दिया। अपने नेताओं को छुड़ाने 100 से अधिक अध्यापक शाम 4 बजे डीईओ ऑफिस पहुंचे। यहां जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने जमकर हंगामा किया। किया अपराधियों सा बर्ताव मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता शालीकराम चौधरी, संभागीय महासचिव संजय अटकले और सचिव संतोष निंभारे ने कहा दमनकारी नीतियों के तहत पुलिस प्रशासन ने हमें बंधक बनाकर रखा। हम मांगों का ज्ञापन सौंपना चाहते थे।
लेकिन हमारे साथ अपराधियों सा बर्ताव किया गया। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग प्रदेश स्तर पर उठाई जाएगी। नजर बंद रहे अध्यापकों में कैलाश जयवंत, सतीश दामोदर, भानुदास भंगाले, एसआर चौधरी, सुधाकर मकुंदे, जलाल अहमद अंसारी, दीपक ढोले, राजेश चौधरी शामिल थे।
हम जांच कराएंगे
मुख्यमंत्री के दौरे के तहत अध्यापक और संघ पदाधिकारियों को बंधक बनाने के मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी।
विपिन माहेश्वरी, आईजी इंदौर रेंज