राकेश दुबे@प्रतिदिन। हैदराबाद के पहले भी यह सवाल की बार पूछा जा चुका है। इस आतंकवाद का अंत कब, आपको इस पीड़ा का एहसास आपसे अधिक किसी अन्य राजनीतिग्य को नहीं होगा। जिनने अपने खोये उनके दर्द में शामिल होने के साथ आपसे अपील है –“प्लीज स्टॉप दिस ट्रायल एंड एरर”। फिर से एक बार उन दर्द के क्षणों को याद करें।
जब देश में कोई आतंकवाद की भेंट होता है। तब भी देश का गृह मंत्रालय “हिज मास्टर्स वोइस” की तर्ज़ पर चलता था और अब भी गृह मंत्री शान से वह सारा काम करने का दावा करते है, जो आप उन्हें बताती है। पहले एक और गृह मंत्री जो बाद में इस देश के सर्वोच्च आसन पर आसीन हुए ऐसा ही कहा करते थे ,तब भी ऐसा ही होता रहा था।
बिजली जेसे विभाग में न चल पाने वाले से गृह विभाग जैसा सम्वेदनशील कैसे चलेगा ? वरिष्ठता को लाँघ कर सूचनातंत्र को मजबूत करने के प्रयास ट्रायल नहीं तो और क्या है?
देश की सीमा पर घुसपैठ की जानकारी न होना ?जवानों के सिर कट कर ले जाना भी इसी श्रेणी में आता है। आपने कोशिश की है राहुल आगे आयें, आपकी पार्टी में बहुत से शूरवीर गाल बजा रहे हैं, उनसे कुछ काम लीजिये। प्लीज स्टॉप दिस ट्रायल एंड एरर प्लीज़।