शासन का प्राइवेट खुफिया नेटवर्क हड़ताल पर

भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस एवं प्रशासन का सबसे मजबूत इन्फार्मेशन सिस्टम कोटवार एवं चौकीदार अब हड़ताल पर आ गए हैं। उनका कहना है कि सरकार उनसे काम तो पूरा लेती है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी करती है परंतु कागजों में सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं करती। उन्होंने इसी मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है।

ग्राम रक्षक, कोटवार और चौकीदारों को शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग को लेकर मप्र ग्राम रक्षक कोटवार संघ के बैनर तले कोटवार मंगलवार से शाहजहांनी पार्क में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।

प्रदेश अध्यक्ष इन्तेश्वर डोंगरे ने बताया कि प्रदेश के करीब 38 हजार कोटवार अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे सेवा देने वाले कोटवारों को शासन द्वारा महज 500 से 2 हजार रुपए महीना दिया जाता है। शासन उन्हें शासकीय कर्मचारी भी घोषित नहीं कर रहा है। इससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।

सनद रहे कि ग्रामीण इलाकों में तैनात कोटवार एवं चौकीदार जिला मुख्यालयों पर बैठे पुलिस एवं प्रशासन की सबसे मजबूत कड़ी होते हैं जो छोटी छोटी घटनाओं की जानकारी मुख्यालय तक भेजते हैं। मध्यप्रदेश में यदि इस नेटवर्क को समाप्त कर दिया जाए तो हालात क्या होंगे, इसका अनुमान लगाना भी रोंगटे खड़े कर देने वाला है। प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी।

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