ममता महिला आयोग छोड़कर राजनीति ज्वाइन करें: लता वानखेड़े

भोपाल। बीते रोज महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ दिए गए बयान के जवाब में आज महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष लता वानखेड़े ने उन्हें पद की गरिमा का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने कहा कि यदि ममता शर्मा को राजनीति का शौक है तो महिला आयोग से रिजाइन कर राजनीति ज्वाइन कर लें। 

यहां जारी एक प्रेस बयान में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष लता वानखेड़े ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में ममता शर्मा को संवैधानिक जिम्मेदारी सौंपी गयी हैं। उनसे ओछी राजनीति करने की अपेक्षा नहीं की जाती है, लेकिन जिस तरह उन्होंने संवैधानिक पद पर होते हुए मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति पर टिप्पणी की है, उससे राष्ट्रीय महिला आयोग की गरिमा ही दागदार हुई है। 

मध्यप्रदेष ही देश में ऐसा राज्य है जिसने महिला सशक्तिकरण की अगुवाई करके नारी समाज का सम्मान बढ़ाया है। फिर दिल्ली में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तक महिलाओं के विरूद्ध दिल्ली में बढ़ते अत्याचारों के बारे में सार्वजनिक रूप से शर्मसार हो चुकी है। विभिन्न मंचों पर यह स्वीकार किया जा चुका है कि दिल्ली देश में महिलाओं के लिये सर्वाधिक असुरक्षित राज्य है। ऐसे में मध्यप्रदेश को असुरक्षित राज्य बताना ममता शर्मा की कोरी राजनीति है।

लता वानखेड़े ने कहा कि महिलाओं को नगरीय, ग्रामीण निकायों में मध्यप्रदेश ने सर्वप्रथम आरक्षण देकर उनकी स्वशासन में भागीदारी सुनिष्चित की। महिला अत्याचारों के प्रतिरोध, नियंत्रण की दिशा में रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड स्थापित किया। सुरक्षा बल में महिला आरक्षण दिया, हर पुलिस थाना में महिला डेस्क आरंभ की गयी, साथ ही महिलाओं के लिये हेल्प लाईन की व्यवस्था आरंभ की गयी, जिसका अच्छा नतीजा देखने में आया है। मुख्यमंत्री की महिलाओं और कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता पर अंगुली उठाना सिर्फ ओछी सियासत करना है। ममता शर्मा को यदि सियासत का शौक है तो उन्हें आयोग से मुक्ति लेकर राजनीति करना चाहिए।

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