भोपाल। हाईकोर्ट ने राज्य शासन अनुसूचित जनजाति विभाग के सचिव पीसी मीणा, आयुक्त आशीष उपाध्याय व कलेक्टर मंडला को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके लिए चार सप्ताह की मोहलत दी गई है।
मामला पूर्व आदेश की नाफरमानी के रवैये को कठघरे में रखे जाने से संबंधित है। गुरुवार को जस्टिस राजेन्द्र मेनन की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता मंडला निवासी ईश्वरचंद सहित सात शिक्षकों का पक्ष अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि आवेदकों के संविलियन के मसले पर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में राहतकारी आदेश जारी किए गए थे लेकिन आवेदन-निवेदन के बावजूद उनके आधार पर लाभ प्रदान नहीं किया गया।
इसी रवैये के खिलाफ अवमानना याचिका के जरिए पुन: होईकोर्ट की शरण ली गई है। कोर्ट को अवगत कराया गया कि 2004 में हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को शासकीय स्कूलों में परिवर्तित किए जाने के मामले में आदेश सुनाया था।
इसके तहत शिक्षकों को संविलियन किए जाने की स्पष्ट व्यवस्था दी गई थी। राज्य शासन ने उस आदेश का पालन करने के स्थान पर सुप्रीम कोर्ट में अपली दायर कर दी थी। छह साल के बाद अक्टूबर 2012 में वह अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। जिसके आधार पर शिक्षकों ने अपने आवेदन पेश किए लेकिन राज्य शासन अनुसूचित जनजाति विभाग ने उपेक्षा कर दी।