अनूपपुर। जिले में 8 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के ग्राम भेजरी में आ रहे हैं। इस दौरान अध्यापक संगठन अपनी स्थानीय समस्याओं के साथ-साथ प्रदेश स्तर की समस्याओं को लेकर मिलेगा।
जिले के 46 संकुल केंद्रों में लगभग 35 संकुल केंद्रों के अध्यापकों का लगभग 4 माह से वेतन नहीं मिला है जिससे अध्यापकों में इस बात को लेकर रोष है कि नियमित वेतन न मिलने के कारण आर्थिक स्थिति बदतर होती जा रही है जिसे देखने वाला कोई नहीं है। जबभी उच्च कार्यालय से संपर्क किया जाता है तो यह कहा जाता है कि राजधानी से बजट नहीं आया है। बजट के आभाव में अध्यापकों के घर में फांके की नौवत आ जाती है। इन्ही सब समस्याओं को लेकर अध्यापक संगठन मुख्यमंत्री से मिलकर नियमित वेतन दिलाने की मांग करेगा और अपनी प्रदेश व्यापी मांगों के लिये भी उनसे चर्चा करेगा।
जिले के इटौर, लखौरा, भेजरी, बेनीबारी, अमरकंटक, मलगा, पिपरिया इनके सहित लगभग 35 संकुल केंद्रों में अध्यापकों को चार माह से वेतन न मिलने के कारण अध्यापकों में इस बात का रोश बना हुआ है और वो मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याएं रखेंगे। मजे की बात तो यह है कि जिस ग्राम में मुख्यमंत्री आयेंगे उसी ग्राम के स्कूल अध्यापकों को चार माह से वेतन नहीं मिला है। कब तक भूखे रहकर अध्यापक बच्चों को शिक्षा देंगे। इन शिक्षकों पर यह कहावत चरितार्थ होती है भूखे भजन न होय गोपाला धैई लो अपनी कण्ठी माला, सरकार अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है वहीं उनके साथी शिक्षकों को समय से वेतन मिल रहा है और अध्यापकों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा । अल्प वेतनभोगी लोग अपना खर्च कैसे चलायें यह तो सोचनीय विषय है।
इन्होंने बताया
बजट आ गया है देने की कार्यवाही चल रही है शीघ्र ही अध्यापकों को वेतन मिल जायेगा।
अमर सिंह उईके
सहायक आयुक्त आदिवासी
विकास अनूपपुर