भोपाल। हरसी उच्च स्तरीय नहर परियोजना में 300 करोड़ के घोटाले में 14 और इंजीनियरों के खिलाफ चालान की स्वीकृति शासन ने दे दी है। इनमें एक मुख्य अभियंता व 13 अनुविभागीय अधिकारी शामिल हैं।
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) जल्द अदालत में चालान पेश करेगा। अब तक 35 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया जा चुका है, जबकि 118 के खिलाफ पेश होना बाकी है।
एसपी विनीत खन्ना ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने सात नवंबर 2009 को छापामार कार्रवाई घोटाला उजागर किया था। छापे के दौरान जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता एचडी जोशी, कार्यपालन यंत्री सीएम मिश्रा, राजेश श्रीवास्तव, अरुण कुमार दीक्षित, बीएस यादव, उदय लाले व आरके नाहर के ठिकानों से करोड़ों रुपए की संपत्ति बरामद हुई थी।
इस मामले में अक्टूबर 2011 तक चार अलग-अलग चालान पेश किए गए थे, जांच के दौरान उपकरण खरीद के फर्जी बिल तथा अन्य दस्तावेज पर 147 इंजीनियरों के हस्ताक्षर मिले थे। जिन इंजीनियरों के हस्ताक्षर पाए गए, उन्हें भ्रष्टाचार का आरोपी माना गया है।
इनके खिलाफ मिली चालान पेश करने की स्वीकृति
डीएसपी एमपी शर्मा ने बताया कि जिन 14 आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाने की स्वीकृति दी गई है, वे हैं- मुख्य अभियंता जीएस श्रीवास्तव (तत्कालीन अधीक्षण यंत्री) व एनपी बाथम, आरबी गुप्ता, आरएन सिंह, आरडी त्यागी, पीके जैन, एसके अग्रवाल, डीके शर्मा, पीएल साहू, केएन शर्मा, एचएस शर्मा, ओपी भारद्वाज, एचडी कुम्हार, वीके श्रीवास्तव।