भोपाल। मनरेगा के तहत भ्रष्टाचार एवं घटिया निर्माण कार्य को अप्रूव करने वाले एक उपयंत्री को बर्खास्त कर दिया गया है, उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। इसके अलावा एक सहायक यंत्री के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
महात्मा गांधी रोजगार गारण्टी योजना में की गई गफलतों की परतें अब खुलने लगी हैं। ऐसे ही एक मामले में रिठौरी गांव के निवासियों ने जब सीईओ के समक्ष शिकायत पेश की तो जांच में कई खुलासे हुए। सड़क निर्माण में गड़बड़ी करने के मामले में उपयंत्री मनीष ठाकुर के अलावा सहायक यंत्री और सरपंच, सचिव को भी कटघरे में लिया गया है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही रिठौरी ग्राम के लोगों ने सीईओ के समक्ष शिकायत की थी कि सड़क निर्माण में फर्जी मस्टर तैयार किए गए और इस तरह से मजदूरी का आंकड़ा बढ़ाया गया।
दरअसल रोड को इस तरह से बनाया गया है कि बनने के बाद भी सड़क का अता-पता नहीं चल पा रहा। शिकायत के बाद सीईओ ने एक टीम बनाई और जांच-पड़ताल के लिये मौके पर दौड़ाया।
इसी मामले में सहायक यंत्री अरविन्द गोस्वामी पर कठोर कार्यवाही की तलवार लटक रही है। पता चला है कि सहायक यंत्री के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। शुरूआत पड़ताल में गोस्वामी पर भी गड़बड़ी करने के मामले सामने आ रहे हैं।
दूसरी तरफ गांव के सरपंच और सचिव द्वारा हासिल की गई सरकारी रकम को वापस वसूलने की तैयारी भी की जा रही है। सरपंच को कुर्सी से हटाते हुए उससे रकम लेने संबंधी प्रकरण तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है।
मनरेगा में सड़क निर्माण के दौरान बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जांच के बाद उपयंत्री को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके लिये सभी जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी चल रही है।
शीलेंद्र सिंह
सीईओ
जिला पंचायत