भोपाल। बैंक अधिकारी उच्च शिक्षा ऋण स्वीकृत करने के मामले में उदारता बरतें। अनावश्यक नियमों की जटिलताओं का हवाला और छात्र को हतोत्साहित करने जैसी प्रक्रिया नहीं अपनायें। आरबीआई और इंडियन बैंक एसोसिएशन के नियमों की परिधि में रहते हुए ऋण स्वीकृत करें।
कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने आज लीड बैंक कार्यालय बैंक आफ इंडिया के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में बैंक अधिकारियों से उक्त बातें कहीं। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी राकेश श्रीवास्तव, आंचलिक प्रबंधक बैंक आफ इंडिया राजीव कुमार गुप्ता, अग्रणी जिला प्रबंधक आलोक श्रीवास्तव, अपर संचालक उच्च शिक्षा डॉ. सुधा बेसा, संयुक्त संचालक तकनीकी शिक्षा डॉ. ए.के.जैन, प्राचार्य हमीदिया कालेज डॉ. सुधा सिंह और सभी बैंकों के प्रतिनिधि अधिकारी मौजूद थे।
चार लाख तक गारंटी और सिक्युरिटी नहीं
बैठक में बताया गया कि चार लाख रूपये के उच्च शिक्षा ऋण तक किसी भी प्रकार की गारंटी और न ही किसी प्रकार के कॉलेटरल सिक्युरिटी की जरूरत होती है। जब ऋण चार लाख से अधिक हो और साढ़े सात लाख से कम हो तब जमानतदार की जरूरत होती है कॉलेटरल सिक्युरिटी की नहीं। ऋण राशि जब साढ़े सात लाख रूपये से अधिक हो तब ही गारंटर के साथ साथ कालेटरल सिक्युरिटी दी जाना जरूरी होती है। बैठक में बताया गया कि विद्यार्थी का शैक्षणिक रिकार्ड कमजोर हो और उसके अभिभावक बैंक के डिफाल्टर की श्रेणी में हों तब ही उनके आवेदनों को अमान्य किया जा सकता है अन्य किसी स्थिति में नहीं।
पॉलीटेक्निक कालेज में शिविर 17 जनवरी को
पिछले दिसम्बर माह में उच्च शिक्षा ऋण के संबंध में बैंक अधिकारियों के साथ पॉलीटेक्निक कालेज में जैसा शिविर आयोजित किया गया था ठीक वैसा ही शिविर 17 जनवरी को पॉलीटेक्निक कालेज में आयोजित होगा। सरकारी और गैर सरकारी सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि वह अपनी शैक्षणिक संस्था/ कालेज से एक नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपे। शिविर में नोडल अधिकारी मौजूद रहें।