करोड़ों की कृषि भूमि पर कट रहे प्लॉट


इन्दीवर कटारे। डिण्डौरी। जिले में सक्रिय हुए भूमि माफिया द्वारा इन दिनों करोड़ों रूपये की कृषि भूमि पर अवैध तरीके से प्लाटिंग किये जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसमें कॉलोनाइजर्स द्वारा शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए आमजन को ठगा जा रहा है। 


ज्ञातव्य है कि इस समस्या को लेकर हाल ही में हाईकोर्ट द्वारा इस प्रकार के मामलों के संबंध में सख्ती बरतते हुए कुछ जिला कलेक्टरों को कार्यवाई कर रोकथाम के आदेश जारी किये गये थे। उल्लेखनीय है कि इन दिनों जिले भर में अवैध तरीके से बगैर डायवर्सन कराये ..षि भूमि  पर मकान निर्माण के लिये कॉलोनी बनाये जाने का काम किया जा रहा है। इसके लिये सक्रिय भू-माफिया द्वारा राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर गरीब किसानों की जमीनों को खुर्दबुर्द कर कब्जा जमाया जा रहा है।

यहां बन रही अवैध कालोनी


उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नगर की सीमा से सटे जबलपुर रोड, अमरकंटक रोड, समनापुर रोड, मण्डला रोड, शहडोल रोड व बायपास मार्ग सहित विभिन्न मार्गों पर अवैध कॉलोनियों में प्लॉटिंग का काम किया जा रहा है। इसमें भू-माफिया भोले-भाले लोगों को ठगते हुए यहां जमकर प्लॉट आबंटित कर रहा है। खास बात यह है कि इस प्रकार के मामलों को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थानीय प्रशासन सचेत नहीं हुआ । सूत्रों की माने तो अवैध कॉलोनाइजर्स द्वारा कृषि भूमि पर ही बगैर डायवर्सन कराये प्लॅाटिंग कर उसे बेचने का कार्य तेजी से किया जा रहा है जिस पर प्रशासन की नजरें पडऩा लाजमी हो गया है। ज्ञातव्य है कि नगर में कृषि भूमि पर अवैध तरीके से रिहायशी बस्ती बसाने के लिए प्लॉटिंग का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा नगरीय क्षेत्र से सटे हिस्सों में भी कृषि भूमि पर भी प्लॉटिंग कराये जाने की जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है।  सूत्र बताते हैं कि प्रशासन ने कुछ कॉलोनाईजर्स को नोटिस थमा कर जवाब तलब किया है।

यह है शासन के नियम


उल्लेखनीय है कि अवैध कॉलोनी निर्माण को लेकर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता १९५९ व्यपवर्तन संबंधी प्रावधानों के अंतर्गत संहिता की धारा १७२ के अंतर्गत म.प्र. नगरपालिका एक्ट १९६१-चैप्टर -१२-ए के अंतर्गत, विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण अधिनियम, भारतीय दण्ड संहिता, प्रासंगिक नियमों, अधिनियमों के अंतर्गत अपराध है। इसके तहत ..षि भूमि का बगैर डायवर्सन व राजस्व चुकाए व्यापारिक उपयोग व विक्रय नहीं किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो भू माफिया द्वारा अवैध तरीके से किये जा रहे प्लॉटिंग के कार्य में राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि अवैध कॉलोनी निर्माण में सबसे ज्यादा लिप्त भूमाफियाओं के संबंध संबंधित अधिकारियों से होना भी बताया गया, जिनके द्वारा शासकीय भूमि सहित गरीब किसानों की भूमियों को खुर्दबुर्द कर हड़पा जा रहा है।


खास बातें

  1. किसानों की जमीन को शासन की बताकर जमाया जाता है कब्जा।
  2. अधिकारियों की की मिलीभगत से होता है खुर्द-बुर्द।
  3. अवैध रूप से प्लॉट का हो रहा विक्रय।
  4. पंजीकरण के लिये भी होता है लेनदेन।
  5. करोड़ों के व्यापार में फंस रहे नागरिक।



इन बातों का रखें ध्यान

  1. प्लॉट खरीदने से पहले देखें जमीन का डायवर्सन।
  2. पंजीयन कराते समय लें पूरी जानकारी।
  3. विक्रेता द्वारा दी गई जानकारी की करें तफतीश।
  4. पूरी स्टाम्प ड्यूटी चुका कर खरीदें प्लॉट।


क्या होगी लापरवाहों पर कार्यवाई


उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय में परिवाद दायर करने के बाद कुछ जिलों में निर्माणाधीन अवैध कॉलोनियों को अवैध भी ठहराया जा चुका है। इस निर्णय के बाद प्रदेश के बड़े भूमाफिया सख्ते में हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कुछ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, जिपा पंजीयक, उप पंजीयक समेत कुछ अन्य अधिकारियों को भी उच्च न्यायालय द्वारा अवैध कॉलोनाइजर्स के विरूद्ध कार्यवाई करने के लिए निर्देशित किया था। खास बात यह है कि करोड़ों की जमीन खुर्दबुर्द कर शासन को गलत जानकारी देकर जमीनो की खरीद-फरोख्त का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसमें अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ चुकी है। लेकिन इसके बाद भी जिला प्रशासन ने इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब देखना यह है कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद जिला प्रशासन ऐसे दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई करता है या नही।


इनका कहना है

यदि ऐसा है तो जानकारी लेकर एसडीएम के माध्यम से नोटिस जारी करा कर मामले की जांच कराई जायेगी।

मदन कुमार, कलेक्टर
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