जांच पूरी हो चुकी है और अब फाइल कमिश्नर ग्वालियर की टेबल पर है। जांच में तत्कालीन सीईओ के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु प्रस्तावित किया गया है, जबकि चौकीदार की सेवाएं समाप्त करने का नोटिस दिया गया है।
डबरा जनपद पंचायत दफ्तर में बड़ी संख्या में ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती होनी थी। भर्ती को लेकर कई तरह के आरोप भी जनपद सदस्यों ने वहां के अधिकारियों पर लगाए थे। इसी दौरान 19 अगस्त 2012 को जनपद कार्यालय में आग लग गई। आग से आवेदकों के आवेदन, शासन के निर्देश, पत्राचार संबंधी फाइल, अनंतिम सूचियां, रजिस्टर व अन्य अभिलेख जल गए थे। इस घटना की जांच पहले सीईओ जिला पंचायत फिर एसडीएम डबरा से कराई गई। सीईओ जिला पंचायत इस मामले में स्पष्ट रिपोर्ट नहीं दे सके जबकि हाल में एसडीएम की रिपोर्ट कलेक्टर पी नरहरि को मिल गई है।
इसी आधार पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) दिनेश शाक्य के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव संभाग आयुक्त को भेजा गया है। श्री शाक्य इन दिनों लहार (भिंड) में सीईओ के रूप में पदस्थ हैं। जांच रिपोर्ट में श्री शाक्य पर आरोप है कि उन्होंने यदि समय पर काम निपटा दिया होता तो यह हालात नहीं बनते। इसी तरह वर्तमान सीईओ शिव प्रसाद को भी नियुक्ति प्रक्रिया में देरी के लिए जिम्मेदार मानते हुए भविष्य में सतर्क रहने को कहा गया है। घटना वाले दिन रात की ड्यूटी पर तैनात चौकीदार सामलिया बाथम को बर्खास्त करने का नोटिस देकर सात दिन में अपना पक्ष रखने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि आग की घटना में बक्सों में रखा सामान भी जलकर राख हो गया था। जांच अधिकारियों को संदेह है कि आग जानबूझकर लगाई गई है। इसी कारण दो बार घटना की जांच कराई गई।