आदिवासी विवाद में फंसे डीएफओ

इन्दीवर कटारे/डिण्डौरी।  वन विभाग कार्यालय परिसर में बीते दिनों कार्य आयोजना की बैठक में कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ डीएफओ द्वारा की गई अभद्रता पर कांग्रेस ने गहरा ऐतराज जताते हुए डीएफओ संजय श्रीवास्तव के आपत्तिजनक व्यवहार की निंदा की थी। 

इसी कार्यक्रम में डीएफओ द्वारा जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष कांग्रेस के आदिवासी नेता राधेश्याम कुशराम से भी अभद्रता करते हुए उन्हें जातिसूचक एवं अपमानजनक अपशब्द कहे थे। स्वयं के द्वारा की गई अभद्रता और आदिवासी नेता को जातिसूचक अपशब्द  कहने के बाद घबराये डीएफओ ने स्वयं को बचाने कूटरचित तथा षडय़ंत्रपूर्वक प्रयास करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेस नेता व नवनिर्वाचित मण्डी सदस्य नित्यानन्द कटारे को ही मोहरा बना दिया, जिसके बाद जिला कांग्रेस कमेटी कार्यकर्ता आक्रोशित हो गये। लामबंद कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर मदन कुमार से फौरन झूठा मुकदमा वापस करवाये जाने की मांग की है। 

वापस किया जाये झूठा मुकदमा


कांग्रेस कार्यालय में एकत्रित होने के बाद कलेक्टर कार्यालय पहुंचे सांसद बसोरी सिंह मसराम, विधायक एवं जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम, पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रमणि मिश्रा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष सुशील जैन समेत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर मदन कुमार को लिखित आवेदन देकर कांग्रेस नेता के विरूद्ध दर्ज किया गया झूठा मामला खत्म किये जाने का निवेदन किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस प्रकार षडय़ंत्रपूर्वक जनप्रतिनिधि को झूठा मामले में फंसाना अनुचित है तथा झूठा मामला फौरन वापस लिया जाये। मामला वापस न लिये जाने की ऐवज में कांग्रेस को धरना प्रदर्शन एवं अनशन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। 

कांग्रेस सांसद बसोरी सिंह मसराम ने कलेक्टर से कहा कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को झूठा मुकदमे में फंसाया जाना हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

दोहरी मानसिकता क्यों


जिला कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा कलेक्टर को दिये गये आवेदन में उल्लेख किया गया है कि जब डीएफओ की शिकायत पर मण्डी सदस्य श्री कटारे के विरूद्ध मामला दर्ज किया जा चुका है तो फिर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राधेश्याम कुशराम की शिकायत पर  डीएफओ के विरूद्ध मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं विधायक ओमकार ङ्क्षसह मरकाम ने आवेदन में उल्लेख किया है कि डीएफओ के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। हम एकपक्षीय और दोहरी मानसिकतापूर्ण कार्यवाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक आदिवासियों तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ डीएफओ का व्यवहार पूर्व में भी आपत्तिजनक रहा है जिसकी शिकायतें यदा-कदा होती रही हैं। 


आदिवासी की शिकायत दरकिनार


कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक बैठक के दौरान ही पूर्व जिपं उपाध्यक्ष कुशराम के साथ डीएफओ श्रीवास्तव द्वारा अभद्रता लगातार की जा रही थी। एक समय ऐसा भी आया कि जब डीएफओ ने कुशराम को जातिगत अपशब्दों से संबोधित कर दिया। इसी बात को लेकर कांग्रेसजनों ने मुख्य वन संरक्षक और कलेक्टर से अपनी आपत्ति व्यक्त की और डीएफओ द्वारा अभद्र व्यवहार किये जाने की शिकायत कर दी। बावजूद इसके डीएफओ अपने रवैये पर अड़े रहे और अभद्रता करते हुए उपस्थित कांग्रेस पदाधिकारियों को गाली-गलौच करने में भी उतारू हो गये। कांग्रेस का आरोप है कि जितनी तत्परता पुलिस ने डीएफओ की शिकायत में दिखाई है वैसी ही तत्परता पूर्व जिपं उपाध्यक्ष की शिकायत पर दिखानी चाहिए थी। अजाक थाने में लिखित शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने अब तक मामला दर्ज नहीं किया है जिससे कांग्रेसजनों में आक्रोश व्याप्त है। 


इन्होंने जताया विरोध


कलेक्टर से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेताओं में सांसद मसराम और विधायक मरकाम समेत अशोक छाबड़ा, जावेद खान, अयोध्या प्रसाद बिलैया, रेवा पाण्डे, लक्ष्मीकांत तिवारी, डिम्पल दीक्षित, पार्षद रीतेश जैन, पार्षद रजनीश राय, रंजीत कटारे, सरस्वती राव, पार्षद शकुन्तला कटारे, नाजी इमरान खान, तकाज अहमद मंसूरी, नरबद आजाद, लक्ष्मी नामदेव, आशा पाध्ये, माया परस्ते, अभिनव कटारे, मनोज मरावी, अमर सिंह, कुहुक सिंह, आशीष श्रीवात्री समेत लगभग एक सैकड़ा कांग्रेस नेता कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। 

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