भाजपा ने सहकारिता चुनाव को बनाया 'अपने खेत की मूली': अजय सिंह का आरोप

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्यपाल रामनरेश यादव से सहकारिता चुनाव में व्यापक रूप से हो रही धांधलियों और सहकारिता अंदोलन की बचाने के लिए संविधान में 97 संशोधन के अनुरूप स्वतंत्र एजेंसी से चुनाव कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र एजेंसी से चुनाव न हो इसके लिए भाजपा सरकार ने षड्यंत्रपूर्वक दो माह पहले ही चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया रद्द करने के साथ ही अनियमितता करने वाले सहकारिता के अधिकारियों को दंडित करने को भी कहा। 

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि भाजपा सरकार ने सहकारिता चुनाव को ‘‘अपने खेत की मूली’’ बना लिया है। मनमाने, पक्षपातपूर्ण, अन्यायपूर्वक वर्तमान सहकारिता चुनाव प्रक्रिया की विशेषता है। चुनाव के दौरान लोकतंत्र के सभी मान्य सिद्धांतों का भाजपा सरकार के दबाव में सहकारिता के अधिकारियों ने गला घोंट दिया। श्री सिंह राज्यपाल को लिखे पत्र में स्पष्ट किया कि 97वें संविधान संशोधन के बाद राज्य सरकारों को एक साल के अंदर अपने सहकारी अधिनियम में यह संशोधन करना था कि सहकारिता चुनाव पंजीयक नहीं बल्कि स्वतंत्र एजेंसी चुनाव कराएंगी। 

श्री सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर इस संशोधन को हाल ही में शीतकालीन सत्र में लाई और मंजूरी के बाद भी उसने आज तक राज्यपाल महोदय को फाइल हस्ताक्षर के लिए नहीं भेजी। इससे भाजपा सरकार की मंशा साफ है कि वह स्वतंत्र एजेंसी से चुनाव नहीं कराना चाहती। फरवरी माह में एक साल पूरा हो जाएगा इसलिए भाजपा सरकार ने साजिशपूर्ण तरीके से दिसम्बर में ही चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी ताकि निष्पक्ष चुनाव न हो पाए और वे मनमाने तरीके से अपनी पसंद और भाजपा के लोगों को सहकारी समितियों और संस्थाओं पर बिठा सके। 

श्री सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूरे चुनाव को माखौल बनाकर रख दिया। भाजपा के शासनकाल के नौ सालों में मध्यप्रदेश में सहकारिता आंदोलन को गहरा आघात पहुंचा है। वर्तमान चुनाव प्रक्रिया मंे जिस तरह से हस्तक्षेप किया जा रहा है इससे सहकारिता की मूल आत्मा ही नष्ट हो गई है। 

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि सरकार की इस अलोकतांत्रिक मानसिकता को पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इसका परिणाम यह हुआ कि टीकमगढ़ जिले में जतारा विधानसभा क्षेत्र की रायगढ़ सहकारी समिति के वर्तमान अध्यक्ष मानसिंह घोष ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उसने अपने आत्महत्या का कारण लिखित में दिया जिसमें भाजपा के राज्य मंत्री हरीशंकर खटीक और भाजपा से जुड़े टीकमगढ़ जिला सहकारी बैंक के वर्तमान अध्यक्ष विवेक चतुर्वेदी पर आरोप लगाया कि दोनों के दबाव में उसका और उसकी मां का नामांकन फार्म जमा किया लेकिन वह जमा नहीं हुआ और एक फर्जी सूची बनाकर फार्म जमा किया गया। 

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने राज्यपाल को लिखे पत्र में बताया कि भाजपा ने षड्यंत्रपूर्वक इन चुनावों को जल्दी कराया है। कांग्रेस पार्टी ने ही आपसे मुलाकात कर यह मांग की थी कि सहकारिता चुनाव की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के लिए यह चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के माध्यम से कराएं। वैद्यनाथन पैकेज के करारनामे में भी स्वतंत्र चुनाव एजेंसी से सहकारिता के चुनाव कराने की मंशा व्यक्त की है। श्री सिंह राज्यपाल से पत्र में मंाग की है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के मजबूत आधार स्तंभ सहकारिता आंदोलन को बचाने के लिए वर्तमान में चल रही चुनाव प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाते हुए उसे रद्द किया जाए। नगरीय निकाय, पंचायतों के समान ही सहकारी संस्थाओं के चुनाव भी राज्य निर्वाचन आयोग से कराए जांए। 
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