भोपाल। राजगढ़ से एक दर्दनाक मामला प्रकाश में आया है। यहां जिला चिकित्सालय में एक प्रसूता तड़पती रही, उस खून दिया जाना था। अस्पताल में खून उपलब्ध था परंतु किसी ने उसकी मदद नहीं की और रिफर कर दिया। एम्बूलेंस में प्रसूता ने दम तोड़ दिया।
मामला राजगढ़ के खिलचीपुर अस्पताल से शुरू होता है। यहां हिनौतिया की एक प्रसूता शारदाबाई को लाया गया। उसका प्रसव नार्मल था, लेकिन खून की कमी के चलते प्रसूता की हालत खराब होने लगी। आनन फानन में उसे खिलचीपुर से राजगढ़ जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया गया, लेकिन न तो कोई एम्बूलेंस न ही जननी सुरक्षा योजना की सुविधा दी गई।
परिजन मोटरसाइकल पर प्रसूता को लेकर राजगढ़ पहुंचे। यहां वो तड़पती रही, उसे खून चढ़ाया जाना था, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। डॉक्टरों ने बिना देखे उसे भोपाल रिफर कर दिया और अंतत: एम्बूलेंस में ही तड़पते हुए उसने दम तोड़ दिया।
प्रशासन मामले पर पर्दा डालने के लिए परिजनों को तत्काल गांव भेज दिया और बिना पीएम कराए महिला का अंतिम संस्कार भी करवा दिया गया। इस मामले में सभी अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारियां डालने का प्रयास कर रहे है एवं समाचार लिखे जाने तक मृतका के परिजनों को न तो कोई मदद दी गई है, न ही दोषियों के खिलाफ जांच की बात की जा रही है।