प्रज्ञा ठाकुर जमानत मामले में हाईकोर्ट नरम

भोपाल। अपने विद्यार्थी जीवन में मध्यप्रदेश में सक्रिय रही विद्यार्थी परिषद की नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत के मामले में बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि 'क्या वो प्रज्ञा ठाकुर को जिंदा देखना चाहती है' हाईकोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर से भी पूछा है कि वो बताएं कि अपना इलाज कहां कराना चाहतीं हैं। सनद रहे कि प्रज्ञा ठाकुर कैंसर से पीड़ित हैं एवं पुलिस अभिरक्षा में इलाज करा रहीं हैं। 

मालेगांव ब्लास्ट की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चिकित्सा आधार पर जमानत दिए जाने पर उसे कोई आपत्ति है? न्यायाधीश ने सरकार से सवाल किया कि क्या आप उसे जिंदा देखना चाहते हैं या नहीं? एक सप्ताह पहले अदालत ने साध्वी से इस बारे में सूचित करने के लिए कहा था कि वह कैंसर की सर्जरी यहां कराना चाहती है या भोपाल में।

अब न्यायाधीश चव्हाण ने उसे उपचार के संदर्भ में अपनी पसंद का स्थान बताने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति आरसी चव्हाण ने यह जानना चाहा कि अगर साध्वी उपचार के लिए जमानत चाहती है तो क्या सरकार इसका विरोध करेगी? न्यायाधीश ने सरकार को आदेश दिया कि वह इस मुद्दे पर विचार करे और 28 जनवरी को बयान दे।

साध्वी के वकील महेश जेठमलानी ने दलील दी कि उनकी मुवक्किल को उपचार के लिए जमानत की जरूरत है। वह पुलिस हिरासत में उपचार नहीं कराना चाहती। दूसरी ओर सरकारी पक्ष के वकील ने कहा कि साध्वी पुलिस हिरासत में रहते भी अस्पताल में अपना उपचार करा सकती है और उसे सभी जरूरी मदद मुहैया कराई जाएगी। अदालत ने कहा कि उसकी हालत ठीक नहीं है और वह सुनवाई से भागेगी नहीं। ऐसे मामलों में आमतौर पर जमानत दी जाती है।

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