भोपाल। महाकुंभ के बाद उग्र हुए संयुक्त मोर्चा के विरोध से उपजी अध्यापक कोट कमेटी ने फेसबुक हंगामा करने के बाद अंतत: जमीनी स्तर पर भी काम करना शुरू कर दिया है। 20 जनवरी को कोर कमेटी ने अपनी पहली टीम घोषित की।
अपने मैसेज में कमेटी की ओर से कहा गया है कि आप का इंतजार का समय समाप्त हुआ प्रदेश भर के अध्यापको के हित को लेकर चर्चा मे रही और वर्तमान समय मे अध्यापको कि संजीविनी कही जाने वाली । "म.प्र. अध्यापक कोर कमेटी " आखिर मूर्त रूप ले चुकी हे ॥ प्रथम चरण मे सर्वे कर 50 जिलो के चयनित अध्यापको एंव ACC के समन्वयकों द्वारा भोपाल मे महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन दिनाक 20.01.2013 को किया गया । जिसमे कमेटी कि गतिविधियो को गति देते हुये अस्थाई संभाग स्तरीय कोर कमेटी का सर्वसम्मति से चयन किया गया है।
कोर कमेटी के समर्थक शरद क्षीरसागर ने एक बयान में कहा है कि जो लोग अध्यापक कोर कमेटी को एक नया संघ मानने कि भूल कर रहे है, उन्हें मै बताना चाहता हूँ, कि कोर कमेटी पुराने संगठनो का सुधरा हुआ नया रूप है| कोर कमेटी का काम हमारे प्रदेश पदाधिकारियों प्र नियंत्रण रखना तथा हर निर्णय पर सर्वसम्मति जुटाना है| यदि आप ऐसे गलत मानते हैं, तो क्या वे लोग सही हैं,जो घर बैठे अपने ही प्रदेश अध्यक्षों को अपशब्द और गालियाँ दे रहे है| कोर कमेटी हमारे तीनों प्रदेश अध्यक्षों को व्यक्तिगत आक्षेप से बचाने तथा सारे अध्यापकों को एक मंच पर लाने का कार्य करेगी. आपसी झगडो में सयुंक्त मोर्चे का बिखराव हुआ है. क्या आप नहीं चाहेंगे ,कि प्रदेश अध्यक्षों के हर निर्णय पर सम्भाग और जिलों कि भी सहमति बन जाए.
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