इटारसी। डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी शासकीय चिकित्सालय को पात्रता होने के बाद भी अंसचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम यानी एनसीडी प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया गया है। महत्वपूर्ण रेल जंक्शन, सवा लाख की आबादी और केसला लाक के करीब 110 गांवों की गरीब जनता के काम आने वाले सरकारी अस्पताल को इस प्रोजेक्ट का लाभ नहीं मिलने दिया जा रहा है।
चक्कर लगाने से बचेंगे मरीज
प्रदेश के चार अन्य चिकित्सालयों की तरह संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग कार्यालय के मातहत होने के बाद भी अस्पताल को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं देने से स्वास्थ्य विभाग के जिलास्तर से लेकर स्वास्थ्य आयुक्त कार्यालय स्तर तक के अधिकारी कन्नी काट रहे हैं। हाइवे और महत्वपूर्ण रेल जंक्शन होने के लिहाज से मरीजों के लिए आवागमन सुलभ होने के बाद भी सभी सुविधाएं जिला चिकित्सालय होशंगाबाद को मिल रही हैं जबकि इटारसी अस्पताल मरीजों के लिहाज से ज्यादा सुविधाजनक है। इटारसी अस्पताल को एनसीडी प्रोजेक्ट में शामिल करने से कैंसर, डायबिटीज, कॉर्डियोवस्कुलर डिसीज व स्ट्रोक संबंधी बीमारियों का इलाज कराने केसला लाक की आदिवासी जनता व शहर के लोगों को 25 से 50 किमी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
मांग की अनदेखी
इटारसी अस्पताल को एनसीडी प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए मांग चल रही है मगर विभाग जनता की मांग की अनदेखी कर रहा है। सीएमएचओ कार्यालय से डॉ केके ठस्सु संचालक संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल को 7 जुलाई 2012 को मांग पत्र भेजा गया था मगर चार माह बाद भी अधिकारियों ने इटारसी अस्पताल को एनसीडी प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया है।
पत्र लिखा है
हमने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इटारसी अस्पताल को एनसीडी प्रोजेक्ट में शामिल करने पत्र लिखा है। हम अस्पताल को एनसीडी प्रोजेक्ट से जुुड़वाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ताकि गरीब और आदिवासी जनता को लाभ मिल सके।
गिरिजाशंकर शर्मा, विधायक
जल्द होगा
अभी हमारी प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इस संबंध में निर्णय हो जाएगा और इटारसी अस्पताल में भी प्रोजेक्ट शुरु किया जाएगा।
डॉ बीएस ओहरी, एनसीडी योजना प्रभारी भोपाल