प्रदेश के सभी M Ed/ MP Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द

भोपाल। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने प्रदेश के चार कॉलेजों को छोड़कर सभी एमएड और एमपीएड कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी है। एनसीटीई के नियमों के मुताबिक पीजी कोर्सेस संचालित करने के लिए नैक (नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिशन काउंसिल) से कॉलेज का मूल्यांकन आवश्यक होता है लेकिन प्रदेश के किसी भी एमएड और एमपीएड कॉलेजों ने नैक से मूल्यांकन नहीं कराया था।

लिहाजा सभी कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई है। इनमें सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं। यह मान्यता शैक्षणिक सत्र 2012-13 से निरस्त की गई है। राजधानी में आठ एमएड कॉलेज हैं। जबकि चार कॉलेज एमपीएड के हैं।

एनसीटीई ने वर्ष 2009 में एमएड और एमपीएड कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों को निर्देश दिए थे कि नैक से मूल्यांकन होने पर ही उन्हें मान्यता दी जाएगी। लेकिन इसे आदेश को किसी भी कॉलेज संचालक ने गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद वर्ष 2010 में एनसीटीई ने दोबारा आदेश जारी कर एक अप्रैल 2012 तक सभी कॉलेजों को नैक से मूल्यांकन कराने के निर्देश दिए।

इस आदेश में एनसीटीई ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि अब भी कोई कॉलेज नैक से मूल्यांकन नहीं कराते हैं तो इनकी मान्यता अपने आप निरस्त हो जाएगी। इसके लिए अलग से कोई आदेश निकालने की जरूरत नहीं होगी। इसके बावजूद किसी भी कॉलेज ने अब तक नैक से अपने कॉलेज का मूल्यांकन नहीं कराया है।

प्रदेश के चार कॉलेजों को छोड़कर सभी कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई है। हमने समय रहते नैक से मूल्यांकन करा लिया था इस वजह से मान्यता निरस्त नहीं की गई है। इसकी सूचना एनसीटीई ने दे दी है। एनसीटीई ने दो बार नैक से मूल्यांकन कराने का अवसर दिया था।
 
साजिद अली
संचालक राजीव गांधी कॉलेज
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