भोपाल। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) के उपभोक्ता अध्ययन केंद्र व अचीवर्स गिल्ड कोचिंग ने प्रदेश के कोचिंग संस्थानों को कानूनी दायरे में लेने के लिए एक गाइडलाइन बनाया है। इसमें सभी कोचिंग संस्थानों के गाइडलाइन तय करते हुए पंजीकरण के साथ फीस को निश्चित सीमा में रखने के सुझाव दिए गए हैं।
पंजीकरण के लिए स्वतंत्र संस्था की स्थापना राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। शनिवार को आयोजित कॉन्फ्रेंस में तय हुआ कि इस तरह का गाइडलाइन (मसौदा)बनाकर सरकार को भेजा जाएगा, ताकि यह जमीनी स्तर पर भी लागू हो सके। जस्टिस एनके जैन ने कहा कि आज कोचिंग संस्थाओं में अधिक से अधिक पैसा कमाने की होड़ लगी है, इसलिए कानून बनना चाहिए, ताकि पेरेंट्स और स्टूडेंट्स का शोषण न हो। इस मौके पर प्रो. एसएस सिंह, पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष पुष्पेंद्र पाल सिंह, द संस्कार वैली स्कूल के प्राचार्य डॉ. अमलान के साहा, आईआईएफएम के प्रो. विजय कुमार समेत कई लोग मौजूद थे।