भोपाल। एज्यूकेशन सेक्टर में चल रही मनमानी से स्टूडेंट्स को बचाने के लिए एक अधिनियम तैयार किए जाने की कवायद शुरू तो हुई थी, लेकिन पूरी नहीं हो पाई। शिक्षा माफिया के एक्टिव हो जाने के बाद यह एक्ट अभी तक अटका हुआ है।
सनद रहे कि टेक्नीकल, प्रोफेशनल और अन्य निजी शिक्षण संस्थानों में बढ़ती मनमानियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव फिलहाल शासन के पास अटका हुआ है। इसके लिए फीस कमेटी को अगले विधानसभा सत्र का इंतजार है, जब इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
इसके बाद इसमें संशोधन किया जाएगा और कमेटी के अधिकार बढ़ेंगे। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा सत्र से पहले फीस कमेटी ने यह प्रस्ताव बनाकर शासन उसके पास भेजा था। पिछले विधानसभा सत्र में किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई थी। कमेटी के अधिनियम में संशोधन संबंधी प्रस्ताव पर भी चर्चा नहीं हो पाई थी। इस अधिनियम में विधानसभा में सहमति के बाद शासन स्तर पर एक कमेटी बनेगी। इसके बाद ही इसके बदलाव का रास्ता खुलेगा। गौरतलब है कि फीस कमेटी के पास आए दिन कॉलेजों की शिकायतें आ रही हैं। निजी शिक्षण संस्थान खासकर टेक्नीकल कॉलेजों की मनमानी विद्यार्थियों के लिए परेशानी बन गई है। इसी को देखते हुए कमेटी अपने एक्ट में बदलाव करना चाहती है।
इधर शिक्षा माफिया कतई नहीं चाहता कि पुरानी व्यवस्थाओं में कोई बदलाव हो। शिवराज सरकार पर अपनी मजबूत पकड़ के चलते शिक्षा माफिया बहुत मजबूत हो गया है और शासन स्तर उसका दखल कितना है यह किसी से छिपा नहीं है। देखना होगा कि इस मामले में विद्यार्थी परिषद का क्या स्टेंड होता है और एक्ट में संशोधन हो पाता है या नहीं।