फिर शुरू हुआ अध्यापकों का चरणबद्ध प्रदर्शन, अप्रैल में आंदोलन की धमकी | ADHYAPAK SAMACHAR

भोपाल। दर्जनों झूठे आश्वासनों से ठगा गया अध्यापक संवर्ग एक बार फिर ठगी का शिकार होता नजर आ रहा है परंतु अध्यापक नेताओं का रवैया ​वही पुराना, चरणबद्ध प्रदर्शन की महीनों लंबी प्रक्रिया और अंत में एक आश्वासन। एक बार फिर वही सबकुछ शुरू हो रहा है। अध्यापक महासंघ ने अध्यापक संवर्ग कि छठवें वेतनमान की विसंगति एवं शिक्षा विभाग में संविलियन करने का प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों को ज्ञापन सौंपा।  अध्यापक संवर्ग को 1 जनवरी 2016 को छठवां वेतनमान देने संबंधी 7 जुलाई 2017 एवं 22 अगस्त 2017 के आदेशानुसार इसमें अनेकों विसंगतियां हैं इससे अध्यापकों में आर्थिक नुकसान के साथ-साथ आक्रोश भी है विसंगति निम्नानुसार है:  

(1) सहायक अध्यापक का मूल वेतन 14740 किया गया जबकि एक दिन जूनियर 2004 में नियुक्त सहायक अध्यापक का वेतन 11330 कर 3410 का वेतन नुकसान कर दिया गया।
(2) वही पदोन्नत सहायक अध्यापक का मूल वेतन 14740 बना दिया गया और वरिष्ठ सीनियर अध्यापक जो 2006 में कार्यरत है उसका वेतनमान 14180 बनाकर आर्थिक नुकसान कर दिया गया जो अन्याय है।
(3 इस छठवें वेतनमान के आदेश में जूनियर का वेतन नियमानुसार वेतनमान से अधिक दे दिया गया और जिन को नियमानुसार वेतन मिलना चाहिए था उनका वेतन और कम कर दिया गया हमारी मांग है की कैबिनेट के निर्णय के अनुसार अध्यापक संवर्ग की नियुक्ति दिनांक 1 अप्रैल 2007 से वेतन की गणना करना  एवं 31/12 /2015 को छठवां वेतन निर्धारित कर विद्यमान वेतनमान अनुसार जो कि 16 अक्टूबर 2016 के आदेश की परिशिष्ट 1 अध्यापक की तालिका अनुसार छठवां वेतनमान मूल वेतन ग्रेड पे के 3% प्रतिशत अनुसार दिया जावे।

(4) 21 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार शिक्षा विभाग में संविलियन के शीघ्र आदेश जारी किए जाएं।
(5)अध्यापक संवर्ग को सातवें वेतनमान के आदेश हेतु बजट में प्रावधान किया जाए। माननीय वित्त मंत्री जयंत मलैया जी अंतर मंत्री अंतर सिंह आर्य जी अन्य अन्य विधायकों को ज्ञापन सौंपा गए यदि मांग पूरी नहीं हुई तो विधायकों का घेराव उनके विधानसभा क्षेत्र में किया जाएगा।

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