मोदी की तलवार से बच गए मप्र के 433 पुलिस अफसर, एक भी निकम्मा नहीं | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य पुलिस सेवा के 433 अधिकारियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तलवार लटकी हुई थी। केंद्र ने जानकारी मांगी थी कि ऐसे पुलिस अधिकारी जिनकी 25 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की आयु पूरी हो गई हो और उनका प्रदर्शन खराब चल रहा हो, सूची भेजें। ऐसे अधिकारियों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया गया था परंतु मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय से सभी 433 पुलिस अधिकारियों को क्लीनचिट देते हुए रिकमंडेशन भेज दिया है। सभी अधिकारियों को पात्र बताते हुए किसी को नौकरी से बाहर नहीं किए जाने की अनुशंसा की गई है।

पत्रकार विकास तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य पुलिस सेवा के 433 अफसरों में से एक भी ऐसा नहीं पाया गया जो नौकरी से हटाने लायक हो। अपर मुख्य सचिव केके सिंह की अध्यक्षता में हुई छानबीन समिति बैठक के बाद समिति ने एक भी अफसर को हटाने की सिफारिश नहीं की है। वहीं मध्यप्रदेश कॉडर के आईपीएस अफसरों को लेकर छानबीन समिति की बैठक इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि पिछले साल हुई बैठक के कार्यवाही विवरण का अनुमोदन ही मुख्यमंत्री सचिवालय ने अब तक नहीं किया है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय बार-बार मध्यप्रदेश से इस संबंध में जानकारी मांग रहा है। 

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव केके सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति की इस संबंध में मंत्रालय में दो घंटे तक बैठक हुई। इस बैठक में पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला और एडीजी प्रशासन अनुराधाशंकर सिंह भी मौजूद थी। इस बैठक में पुलिस मुख्यालय द्वारा भेजे गए 433 अफसरों के नामों की सूची पर विचार किया गया। इसमें 25 वर्ष की सेवा और 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अफसरों की पांच साल की सीआर देखी गई। यह देखा गया कि उसे पिछले पांच साल में कभी पदोन्नत तो नहीं किया गया। 

इस दायरे में आने वाले ऐसे नामों को भी विचारण से हटाया गया जिनकी सेवानिवृत्ति के केवल एक साल बाकी हो। पदोन्नति पा चुके अफसरों के नाम भी बाहर किए गए।  इस पूरी कवायद के बाद एक भी अफसर ऐसा नहीं पाया गया जिसे नौकरी से हटाया जाए। इसके बाद समिति ने सभी अधिकारियों को पात्र बताते हुए किसी को नौकरी से बाहर नहीं किए जाने की अनुशंसा की है।

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