बालाघाट। आप इसे वनविभाग के अधिकारियों की मक्कारी कहें या घूसखोरी लेकिन अति संरक्षित वन्य प्राणी PANGOLIN का शिकार लगातार जारी है। अब तक 24 शिकारी पकड़े जा चुके हैं परंतु कहीं कोई चूक है जो शिकार की प्रक्रिया को रोक नहीं पा रही है। आज एक HUNTER को दबोचा गया है। वो जिंदा पेंगोलिन को लेकर खुलेआम घूम रहा था। उसके 4 साथियों को भी पकड़ा गया है। उसकी निश्चिंतता बताती है कि वो एक आदतन शिकारी है। वनविभाग अपने इस फेलियर को उपलब्धि के रूप में प्रदर्शित कर रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कुछ लोग पेंगोलिन बेचने की फिराक मे बाईक से घूम रहे थे। सूचना पर जब तलाशी ली गई तो कमल सिंह की बाईक से जिदां पेंगोलिन बरामद हुआ। जिसे जप्त कर लिया गया। मामले की विवेचना उप वनमंडल अधिकारी जे.के वरकडे कर रहे है। यह उल्लेखनीय हैं कि पेगोंलिन अति संरक्षित वनप्राणी की श्रेणी मे आता है जिसे आईवीसीएन द्वारा रेड लिस्ट जारी कर अति दुर्लभ माना हैं। लेकिन कुछ लोग अंधविश्वास के चलते इसका शिकार कर तंत्र विद्या और दवाईयों मे उपयोग कर ते है। यह भी पता चला है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसकी शल्कों का उपयोग बुलेट प्रूफ्र जॉकेट बनाने मे किया जाता है जिसकी कीमत लाखों में होती है।
चीन और वियतनाम के कई रेस्टोरेंट में पहले ज़िंदा पैंगोलिन की मेहमानों की टेबल पर नुमाइश की जाती है। फिर उन्हीं के सामने इसे काटा जाता है, ताकि इसके गोश्त के ताज़ा होने का यक़ीन दिलाया जा सके। लोग अपनी SEX POWER बढ़ाने के लिए इस जानवर का मांस खाते हैं।