फाइनेंस कंपनियां भी आतीं हैं RTI के दायरे में: सूचना आयोग

भोपाल। HOUSING FINANCE COMPANIES  भी सूचना के अधिकार अधिनियम से बाहर नहीं हैं। उन्हें आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारियां देना होगी। वह कोई भी जानकारी छिपा नहीं सकेंगी। यह निर्देश राज्य सूचना आयोग ने दिए हैं। इससे पहले फाइनेंस कंपनी ने तर्क दिया था कि वो एक प्राइवेट कंपनी है, उसे केंद्र या राज्य सरकारों से वित्ती मदद नहीं मिलती इसलिए वो आरटीआई के दायरे में नहीं आती। 

राज्य सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने PNB HOUSING FINANCE LIMITED के मामले में सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से तर्क दिया गया था कि पीएनबी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड में लोक प्राधिकारी नहीं है क्योंकि उसे केन्द्र अथवा राज्य सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती, इसलिए जानकारी देने को बाध्य नहीं। 

सुनवाई के बाद आयुक्त ने इस मामले में केन्द्रीय सूचना आयोग के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी बैंक या कंपनी सहयोगी कंपनी होने पर उसकी स्थिति लोक प्राधिकारी की रहती है। इसलिए उस पर भी आरटीआई के नियम लागू होते हैं। आयोग ने कहा कि एलआईसी, जीआईसी फायनेंस लिमि. कंपनी को भी आरटीआई अधिनियम के तहत माना गया है, इसलिए पीएनबी हाउसिंग फायनेंस लिमि. भी सूचना देने से इंकार नहीं कर सकती।

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