नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एनजीओ रेस्क्यू फाउंडेशन के साथ मिलकर जीबी रोड में फंसी दो नाबालिग लड़कियों को आजाद कराया। इन दोनों ही लड़कियों की उम्र 16 साल है और दोनों ही नेपाल की रहने वाली हैं। नेपाल में इनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज है। बताया गया कि नेपाल में भूकंप की वजह से भूखमरी फैल गई थी, तो ये दोनों लड़की जीविका की तलाश में भारत आई थी। पहली लड़की को दो साल पहले जीबी रोड में बेच दिया गया था। जबकि दूसरी लड़की को एक नेपाली महिला चार महीने पहले यहां जीबी रोड पर लाकर बेच गई।
इनमें से एक लड़की किसी तरह कल वहां से भाग निकली और एक शख्स को पूरे मामले की जानकारी दी। उस शख्स ने इस लड़की की सूचना एनजीओ को दी। एनजीओ ने दिल्ली महिला आयोग को इस लड़की के बारे में बताया। दिल्ली महिला आयोग ने लड़की के पास अपनी टीम भेजी। फिर इस लड़की ने दूसरी लड़की के बारे में भी आयोग को बताया, जिसके बाद आयोग व एनजीओ की टीम पुलिस को साथ लेकर दूसरी लड़की को आजाद कराने पहुंची। इन दोनों लड़कियों को 56 नंबर कोठे से रेस्क्यू कराया गया।
इन लड़कियों ने आयोग को बताया कि वहां उनसे मारपीट की जाती थी और उन्हें कई-कई दिनों तक भूखा रखा जाता था। इन लड़कियों ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उन्हें 30-30 लोगों के साथ सोने के लिए मजबूर किया जाता था। यदि कोई लड़की ऐसा करने से मना करती थी, तो उसके साथ बहुत ज्यादा मारपीट होती थी और उसे कमरे में बंद रखा जाता था।
लड़कियों ने बताया कि जीबी रोड पर लाने से पहले उन्हें मजनूं की टीला पर एक मकान में रखा जाता था और वहां उनका रेप किया जाता था। इस मसले पर स्वाति जयहिंद ने कहा कि जीबी रोड के 100 मीटर पर पुलिस स्टेशन है। नाबालिग लड़कियो को बेचा जा रहा है और पुलिस को इसकी कोई सूचना नहीं रहती है।
उन्होंने कहा कि ये 56 नंबर कोठा उसी आफाक का है, जिसने लड़कियों को बेचकर और उनसे जिस्मफरोसी का धंधा कराकर 100 करोड़ की प्रॉपर्टी बनाई है। उसके हौसले इतने बुलंद हैं कि आज भी उसके कोठे पर नाबालिग लड़कियों को बेचा जा रहा है और उनसे गलत काम करवाया जा रहा है। जीबी रोड का पूरा नरक संसद से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर चल रहा है। स्वाति जयहिंद ने कहा कि ये जीबी रोड सिस्टम की मिलीभगत से चल रहा है और अब इसको हर हाल में बन्द करवाना ही होगा।