PAYTM से RELIANCE बाहर, ALIBABA की ताकत बढ़ी

नई दिल्ली। 10-10 रुपए के डिस्काउंट आॅफर देकर मोबाइल रिचार्ज बेचने वाली कंपनी पेटीएम देखते ही देखते ई-वाणिज्य कंपनी और पेमेंट बैंक बन गई। सफलता की उड़ान निश्चित रूप से प्रशंसा योग्य थी। चीन की सबसे बड़ी आॅनलाइन कंपनी अलीबाबा और भारत के सबसे बड़े कारोबारी रिलायंस ने इस कंपनी में निवेश किया, लेकिन क्या अब पेटीएम में वो संभावनाएं नहीं रहीं। सवाल इसलिए क्योंकि रिलायंस केपिटल जैसी कंपनी मुनाफा कमाकर पेटीएम से बाहर निकल गई है। लेकिन एक सवाल और भी है कि क्या अलीबाबा, पेटीएम के माध्यम से अपनी किसी नई रणनीति पर काम कर रही है। 

10 करोड़ लगाए थे 275 करोड़ लेकर निकल गई 
रिलायंस कैपिटल ने डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम में अपनी करीब 1 प्रतिशत हिस्सेदारी 275 करोड़ रुपये में चीन के अलीबाबा समूह को बेच दी है। यह सौदा अनिल अंबानी समूह की कंपनी के लिए काफी फायदेमंद रहा। रिलायंस समूह की वित्तीय सेवा इकाई ने पेटीएम में 10 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस सौदे के हिसाब से पेटीएम का मूल्यांकन 4 अरब डॉलर बैठता है जिसे रणनीतिक निवेशक के रूप में अलीबाबा का समर्थन हासिल है। 

दोनों पार्टियां चुप क्यों हैं
सूत्रों के अनुसार रिलायंस कैपिटल ने पेटीएम ई-वाणिज्य कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखी है जो उसे बिना किसी लागत के मिली है। इसका कारण मूल कंपनी में उसका निवेश है। कोष जुटाने के ताजा दौर में पेटीएम-ई-कॉमर्स का मूल्यांकन एक अरब डॉलर आंका गया था। रिलायंस कैपिटल के प्रवक्ता ने सौदे के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। पेटीएम के प्रवक्ता ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। इससे पहले, रिलायंस कैपिटल ने कहा था कि वह गैर-प्रमुख संपत्ति को बेचकर निवेश पोर्टफोलियो को कम करेगी।

पेटीएम पर अलीबाबा का कब्जा
चीन की कंपनी अलीबाबा भी मंझे हुए कारोबारी माने जाते हैं। यदि उन्होंने इतने ज्यादा दाम देकर रिलायंस को बाहर किया है तो उसके पीछे भी अपनी रणनीति ही होगी। सवाल यह है कि क्या अलीबाबा, पेटीएम पर कब्जा करने के मूड में हैं। अलीबाबा इन दिनों भारत में तेजी से पैर जमा रही है। इस डील के साथ यह संकेत भी मिलते हैं कि वो पेटीएम के माध्यम से कुछ नया कर सकती है। 

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