संविदा​ शिक्षक भर्ती से पहले अध्यापकों का बिना शर्त स्थानांतरण आवश्यक है

अशोक कुमार देवराले। अध्यापक संवर्ग बड़े लंबे समय से स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। परंतु सरकार हर बार आश्वासन देती रहती है और स्थांतरण पॉलिसी जारी करने की डेट दे देती है परंतु आज तक अध्यापकों की स्थांतरण पॉलिसी जारी नहीं कर पाई है। सरकार स्थांतरण पॉलिसी में तमाम शर्त की बात करती है और अध्यापक बिना शर्त स्थानान्तरण चाहता है क्योंकि सरकार द्वारा सशर्त पॉलिसी से किसी भी अध्यापक का स्थांतरण संभव नहीं है।

अध्यापकों के लिए स्थांतरण क्यों आवश्यक है
अध्यापक संवर्ग बहुत दूर अपने गृह निवास से नौकरी कर रहे हैं। अध्यापकों का परिवार गृह ग्राम में निवास रत है। ऐसी परिस्तिथि में घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने के कारण परिवार की देखभाल नहीं कर पा रहे है। माता पिता वृद्ध हैं उनकी देखभाल का जिम्मा पुत्र का ही होता है परंतु दूर होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई अध्यापकों के साथ तो यह स्तिथि है कि पत्नी और किसी जिले में नोकरी पर है और ये किसी और जिले में वर्षों एक दूसरे की राह देख रहे हैं। ऐसी तमाम परिस्तिथियाँ है कि अध्यापकों को स्थांतरण की आवश्यकता है। मानवीय और व्यवहारिक दृष्टिकोण से भी अध्यापकों का स्थानान्तरण अब बिना शर्त होना ही चाहिए।

संविदा भर्ती के पहले स्थानान्तरण होना चाहिए
अध्यापकों की स्थानान्तरण पॉलिसी संविदा भर्ती के पहले घोषित की जाना चाहिए ताकि अध्यापकों का स्थांतरण हो जाये इसके बाद शेष सीटों पर संविदा भर्ती हो। संविदा भर्ती के बाद स्थांतरण हेतु जब किसी भी शाला में पद ही रिक्त नहीं होगा तो फिर कैसे होगा स्थांतरण और पॉलिसी का कोई महत्व नहीं होगा। अतः सरकार को चाहिए की संविदा भर्ती से पूर्व स्थांतरण पॉलिसी जारी हो।

स्थानान्तरण पॉलिसी नहीं आने से समूचा अध्यापक सम्बर्ग नाराज है और क्रोधित है।यह गुस्सा किसी भी दिन दावानल बनकर फुट सकता है और सरकार के खिलाफ महा आंदोलन का स्वरूप ले लेगा। समय रहते सरकार को अध्यापकों की स्थानान्तरण की प्रमुख मांग को मानना चाहिए।

अशोक कुमार देवराले
प्रांतीय उपाध्यक्ष
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन
अध्यापक संघर्ष समिति, मध्यप्रदेश

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