काँग्रेस के कद्दावर नेता तथा उतराखंड के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत की वृश्चिक राशि है। सूर्य अपनी उच्च राशि मॆ स्थित है। उत्तर दिशा का स्वामी गुरु ग्रह हरीश जी की पत्रिका मॆ अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु मॆ बैठा है। सूर्य लग्नेश तथा चंद्र लग्नेश मंगल है। जो राशि से भाग्य मॆ तथा सूर्य से चौथा शनि के साथ बैठा है।
राहु चन्द्र राशि से छठा बैठा है जो प्रबल शत्रु नाशक योग बना रहा है। इसीलिये उनकी सरकार कॊ अस्थिर करने की कोशिश नाकाम रही। चूँकि पत्रिका मॆ सूर्य राहु का ग्रहण योग भी है जिसमे ये स्टिंग आपरेशन मॆ पकडे गये। हरीश रावत कॊ राहु कॊ दशा ख़त्म होने वाली है तथा गुरु की दशा निकट एक वर्ष मॆ लगने वाली है। जो निश्चित रूप से राजनीति मॆ इनके प्रभाव की वृद्धि करेगा।
वर्तमान मॆ इन्हे साडेसाति का मध्यकाल ख़त्म हो चुका है। शनि का आखरी ढैया चल रहा है। चौथे स्थान मॆ शनि की दृष्टि तथा केतु की स्थिति राज़भंग योग बनायेगी लेकिन ये आगे अपने दम पर राजनीति मॆ अच्छी जगह बनायेंगे। गुरु की दशा उन्हे आगे अच्छे परिणाम देगी।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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