संविदा शिक्षक भर्ती: बिना बीएड वाले 7000 अभ्यर्थियों को मिलेगी नौकरी

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आने वाली संविदा शिक्षक भर्तियों में आदिवासी अभ्यर्थियों के लिए बीएड/डीएड की अनिवार्यता से छूट देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 7000 पदों पर बिना बीएड/डीएड वाले आदिवासी अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। नौकरी मिलने के बाद सरकार उन्हें बीएड/डीएड कराएगी। पढ़ाई का खर्चा भी सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बड़वानी में राज्य-स्तरीय जन-जातीय प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। 
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लगभग ढाई लाख आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे देकर जमीन का मालिकाना हक दिया गया है। जन-जातीय वर्ग में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये भोपाल, इंदौर और जबलपुर में महाविद्यालयीन छात्रावास खोले जायेंगे। प्रतिभाशाली आदिवासी बच्चों को राष्ट्रीय-स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर दिल्ली के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में पढ़ने की व्यवस्था की जायेगी। दिल्ली में उनकी कोचिंग फीस और हॉस्टल के पैसे सरकार देगी। 
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी वर्ग के संविदा शिक्षकों के 7000 पद को भरने के लिये बी.एड. की अर्हता में छूट दी गयी है। अब इन पदों पर गैर-बी.एड. डिग्रीधारक आदिवासी युवक-युवतियों की नियुक्ति की जायेगी और उसके बाद उन्हें बी.एड. का प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा। 

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