भोपाल में 11 साल के बालक को बंधुआ मजदूर बनाया गया

भोपाल। भारत में बंधुआ मजदूर प्रणाली (उत्सादन) अधिनियम, 1976 से लागू हो गया परंतु मप्र में यह प्रथा आज भी जारी है। ग्रामीण इलाकों में नहीं, बल्कि मप्र की राजधानी भोपाल में भी बंधुआ मजदूरी कराई जा रही है। यहां 11 साल के एक मासूम बालक से बंधुआ मजदूरी कराए जाने का मामला सामने आया है। हनुमानगंज पु​लिस ने बंधुआ बालक को मुक्त तो करा दिया लेकिन कार्रवाई केवल बालश्रम कानून के तहत ही की गई। 

हनुमानगंज पुलिस ने बताया कि नादरा बस स्टैंड स्थित अजीम भाई वेल्डर नामक दुकान के मालिक इरफान ने 11 वर्ष के नाबालिग बच्चे असार को अपना बंधुआ मजदूर बना रखा था। असार करीब तीन वर्षों से इरफान के यहां पर काम करता था, जहां उसे प्रतिदिन का तीस रुपए वेतन प्राप्त होता था।

पुलिस का कहना है कि शुक्रवार 25 नवम्बर को पुलिस को इस बात की सूचना मुखबिर से प्राप्त हुई। दुकान पहुंचकर नाबालिग असार को मुक्त कराया गया। पुलिस का कहना है कि असार के पिता सगीर, बाग उमरादुल्ला स्थित एक वेल्डिंग की दुकान में काम करता है। उसने इरफान से पंद्रह हजार रुपए नगद उधारी के रूप में लिए थे। जब सगीर द्वारा इरफान की उधारी नहीं चुकाई गई, तो उसने सगीर के नाबालिग पुत्र को अपनी दुकान पर काम करते हुए बंधुआ बना लिया। आरोपी इरफान के खिलाफ बाल श्रम अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !