सभी अध्यापक एवं संविदा शिक्षक जिला कैडर में आएंगे

भोपाल। जनपद पंचायतों के अंडर में काम करने वाले संविदा शिक्षक वर्ग-3 और सहायक अध्यापक अब सीधे जिला पंचायत के अंडर में काम करेंगे। 17 साल बाद सिस्टम में बदलाव कर सरकार प्रदेश भर के करीब 1 लाख 35 हजार संविदा शिक्षक और सहायक अध्यापकों को बड़ी राहत देने जा रही है। खास बात ये है कि सिस्टम में बदलाव के बाद अब यदि संविदा शिक्षक और सहायक अध्यापकों के जिला स्तर पर तबादले होंगे तो उनकी वरिष्ठता कम नहीं होगी। उन्हें जनपदों के चक्कर लगाने से मुक्ति तो मिलेगी ही जिला कैडर में आने से उनके हर काम भी आसानी से हो सकेंगे।

माह अंत तक हो सकता है लागू
संविदा शिक्षक और सहायक अध्यापकों को जनपद से निकाल कर जिला कैडर में शामिल करने संबंधित सूचना भी असाधारण राजपत्र में 22 जनवरी 2016 को प्रकाशित कर दी गई है। कहा जा रहा है कि दावे-आपत्ति की औपचारिकता के बाद केबिनेट की मंजूरी मिलते ही नए सिस्टम को फरवरी के अंत तक लागू कर दिया जाएगा।

अभी ऐसा है सिस्टम
1998 से संविदा वर्ग-3 और सहायक अध्यापक का नियोक्ता जनपद पंचायत ही है।
चाहे क्रमोन्नति हो या पदोन्नति या नियुक्ति, लिस्ट जनपदों में तैयार कर जिला पंचायत भेजी जाती हैं।
जनपद स्तर से भेजी गई वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी की रहती है संभावना।
ब्लॉक स्तर पर तबादले या संविलियन होने पर वरिष्ठता खत्म हो जाती है।
किसी प्रकार की एनओसी, अवकाश व निलंबन प्रकरण में लगाने पड़ते है जनपदों के चक्कर

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फिर ऐसा होगा काम
जनपद पंचायतों की जगह जिला पंचायत होगा नियोक्ता।
नियुक्ति, प्रमोशन, क्रमोन्नति व वरिष्ठता सूची जिला स्तर पर होगी तैयार।
एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में तबादले के बाद भी खत्म नहीं होगी वरिष्ठता
समस्याओं का निराकरण, एनओसी, अवकाश लेने जैसे अन्य काम होंगे आसान
जिला स्तर पर सीईओ और डीईओ के माध्यम से होगी सीधी निगरानी

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