सीएम साहब, अतिथि शिक्षकों को EXTRA अंक मत देना

भोपाल। एक तरफ अतिथि शिक्षक संविदा शाल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अतिरिक्त अंक की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग इसके विरोध में भी हैं। उनका कहना है कि यह गलत है। पढ़िए भोपाल समाचार को मिला  यह खुलाखत जिसमें कुछ तर्क पेश किए गए हैं। लोकतंत्र में बहुत जरूरी है कि सभी पक्षों को सुना जाए और उन पर बहस हो, संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है। अत: हम यह खुलाखत हूबहू प्रकाशित कर रहे हैं, आप अपनी प्रतिक्रियाएं नीचे कमेंट बॉक्स में दर्ज करा सकते हैं:-

माननीय मुख्यमंत्री जी,
म.प्र.शासन
आजकल जो अतिथि शिक्षकों की हड़ताल के बारे मे सुनने मे आ रहा है वो लगभग बेबुनियाद सी लगती है क्योंकि अतिथि शिक्षकों की भर्ती का तरीका ही गलत है। जो तरीका अपनाया जाता है उससे भाई भतीजाबाद ,शिक्षा के मंदिर मे राजनीति पनप रही है। अभी कई स्कूलों मे बाप–बेटे, चाचा –भतीजा और सगे संबंधी ही शिक्षक और अतिथि शिक्षको की भूमिका मे है।  जिससे प्रदेश मे योग्य युवाओ और बच्चो का भविष्य बर्बाद हो रहा है/ अभी जो तरीका या आधार अपनाया जाता है उसमे योग्यता कम ,चापलूसी का आधार ज्यादा समझ आता है जिससे हमे अच्छे अतिथि शिक्षक नही मिल पाते और अयोग्य शिक्षक ,क्या बच्चो को योग्य बना पाएंगे ?

आज ऐसा लगता है की अतिथि शिक्षक से लेकर व्यापम तक प्रत्येक नियुक्ति मे भ्रष्टाचार की बू आती है और संबिदा शिक्षकों की नियुक्ति मे जो अतरिक्त अंक देने की बात की जा रही है वो तो सरासर गलत है। जब भर्ती ही ईमानदारी से नही हुई है तो अंक की बात कहां से आई।

सरकार अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रत्येक जनपद /संकुल केंद्र से विज्ञापन जारी कर, अंको /मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति करे और फिर उन योग्य अतिथि शिक्षको को सरकार अतिरिक्त अंक दे तब युवाओ के साथ न्याय होगा।

लेखक
प्रदीप कुमार ,भिंड (म.प्र)
Email id :pradeepigeckumar@gmail.com

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