मिलिए भोपाल की हॉट शैफाली से, मिस इंडिया के लिए सिलेक्ट हुई है


भोपाल। बचपन से सफेद दाग की बीमारी होने के बाद सामान्य तौर पर कोई शायद ही मॉडलिंग जैसा करियर बनाने का ख्याल मन में लाता हो, जहां खूबसूरती ही सफलता का पैमाना हो। लेकिन भोपाल की एक मॉडल और डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहीं शैफाली शर्मा ने इस धारणा को बदलने की शुरुआत कर दी है। शैफाली खुद बचपन से विटिलिगो (सफेद दाग) बिमारी से ग्रसित हैं और अपनी काबिलियत के दम पर इस साल होने जा रहे फेमिना मिस इंडिया के फाइनल ऑडिशन के लिए जगह बना ली है।

भोपाल से फाइनल ऑडिशन के सिलेक्ट हुईं शैफाली शर्मा(बीच में), सौम्या सक्सेना दाएं और पूजा बिमराह बाएं।

अपनी बिमारी के बारे में शैफाली कहती हैं, 'आमतौर पर ऐसी स्किन डिसीज होने के बाद लोगों का माइंडसेट बदल जाता है और आत्मविश्वास भी बदल जाता है। लोग इसे अपनी कमजोरी समझकर बैठ जाते हैं। लेकिन मैं इस कमजोरी को अपनी ताकत बनाना चाहती हूं। मैं मॉडलिंग में आई ही इसलिए हूं ताकि यह धारणा बदल सकूं कि सफेद दाग वाले सुंदर नहीं होते या माॅडलिंग, एंकरिंग, एक्टिंग जैसे प्रोफेशन नहीं अपना सकते।'

खुद बनना चाहती हैं स्किन स्पेशलिस्ट
शैफाली स्किन स्पेशलिस्ट बनना चाहती हैं। अपनी इस ख्वाहिश की तरफ उन्होंने कदम भी बढ़ा लिए हैं। वे एमबीबीएस की फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट भी हैं। भोपाल के एलएन मेडिकल कॉलेज से वे पढ़ाई कर रही हैं। शैफाली कहती हैं, 'मैं स्किन स्पेशलिस्ट बनकर इस बीमारी से पीड़ित लोगों की मदद करना चाहती हूं। उन्हें यह विश्चास दिलाना चाहती हूं कि वे सब कुछ कर सकते हैं। पहले मैं भी थोड़ा घबराती थी लेकिन अब सोचती हूं कि दुनिया वालों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है।'

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