भोपाल। देश भर में पेट्रोल/डीजल के दाम घटे लेकिन मप्र में उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिला। दाम घटते ही मप्र सरकार ने पेट्रोल/डीजल पर टैक्स बढ़ा दिया। हालात यह हुए कि दाम कम होने के बजाए बढ़ गए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनकी सरकार जनहितैषी होने का दावा तो करती है, मगर हकीकत कहीं भी इससे मेल नहीं खाती। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस पर भले केन्द्र सरकार की ओर से कीमतें घटाई जा रही हों, लेकिन इनका फायदा मध्यप्रदेश के लोगों को पूरी तरह नहीं मिल पाता।
दरअसल, शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जो डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस पर सर्वाधिक वैट टैक्स वसूलता है। यही कारण है कि जनता को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों पर घटाई जा रही कीमतों का लाभ पूरी तरह नहीं मिल पाता।
आइए देखते हैं, तीसरी बार सरकार बनने के एक साल बाद शिवराज सरकार ने राज्य की जनता को टैक्स के रूप में कैसे तोहफे दिए हैं...
- - पेट्रोल और डीजल पर 4% वैट टैक्स बढ़ाया।
- - पेट्रोल पर वैट टैक्स 27 से बढ़ाकर 31% किया।
- - डीजल पर वैट टैक्स 23 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया।
- - केन्द्र सरकार ने 15 दिसंबर की रात से पेट्रोल 2.14 रुपए व डीजल 2.20 रुपए प्रति लीटर सस्ता किया है, वैट के बढ़े टैक्स ने उससे भी महंगा कर दिया पेट्रोल व डीजल।
- - दाम घटने के बाद भोपाल में 67.60 रुपए में मिलने वाला पेट्रोल 65.46 रुपए प्रति लीटर मिलना था। अब 67.67 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
- - डीजल 58.21 रुपए से घटकर 56.01 रुपए प्रति लीटर बिकने वाला था पर अब 58.25 रुपए में बिक रहा है।
- - रसोई गैस पर पहले से वसूला जा रहा 5% वैट टैक्स।
- - डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस पर सर्वाधिक वैट टैक्स वसूलने वाला देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश।