
दिल्ली से खबर मिली है कि अमित शाह ने कैलाश विजयर्गीय को फाइनल बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया था। कैलाश शनिवार को अमित शाह से मिलने पहुंचे, यहां कोई 1 घंटे तक दोनों के बीच मुलाकात हुई। माना जा रहा है कि शीघ्र ही अमित शाह की टीम में कैलाश विजयर्गीय भी दिखाई देंगे और इसी के साथ कैलाश विजयर्गीय का राष्ट्रीय नेता बनने का सपना पूरा हो जाएगा।
शिवराज सरकार में कसमसा रहे थे कैलाश
राजनीति के रंगीन पर्दे पर यूं तो शिवराज ओर कैलाश भाई भाई जैसे लगते हैं परंतु सूत्र कहते हैं कि कैलाश खुद को शिवराज सरकार में असहज महसूस कर रहे थे। शिवराज ने कैलाश को कंट्रोल करने के लिए कई हथकंडे भी अपनाए और कैलाश को इंदौर का नेता बनाए रखने का हर संभव प्रयास किया। उन्हें इंदौर से बाहर नहीं निकलने दिया, जबकि कैलाश विजयर्गीय इलाकाई नेता बने रहने के कतई मूड में नहीं थे।
जब शिवराज की ओर से स्वतंत्रता नहीं मिली तो उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और संघ के संगठनमंत्रियों में अपनी पैठ मजबूत करना शुरू किया। संघ से कैलाश विजयर्गीय का संपर्क बहुत पुराना है, इसी का लाभ उठाना शुरू किया गया। खुद को मंत्री से ज्यादा 'संगठन का आदमी' प्रमाणित करने का प्रयास किया और अंतत: कैलाश अपने टारगेट के करीब आ ही गए। शीघ्र ही वो शिवराज के मायाजाल से मुक्त होते दिखाई देंगे।